Shardiya Navratri: हर साल चार नवरात्रि आती हैं। जिसमें चैत्र, शारदीय और गुप्त नवरात्रि आती हैं। शारदीय नवरात्रि अश्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाई जाती है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि की शुरुआत 26 सितंबर से शुरू हो रही हैं। आपको बता दें कि शरद ऋतु में आगमन के कारण ही इसे शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि के 9 दिन लोग व्रत रखते हैं। साथ ही यह त्योहार पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। नवरात्रि के पहले दिन ईशान कोण में घट स्थापित किया जाता है। आइए जानते हैं नवरात्रि की आवश्यक सामिग्री और कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त…

जानिए नवरात्रि की आवश्यक पूजन सामग्री

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार कलश में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों भगवान का निवास होता है। घट स्थापना के लिए थोड़ी सी मिट्टी, मिट्टी का घड़ा, मिट्टी का ढक्कन, कलावा, नारियल, गंगाजल, लाल रंग का कपड़ा, एक मिट्टी का दीपक, अक्षत चाहिए। साथ ही पान के पत्ते, जौ, फूल-माला, भोग के लिए फल और मिठाई, रंगोली के लिए आटा, मिट्टी की कटोरी के ऊपर रखने के लिए चावल या गेहूं. मां दुर्गा की प्रतिमा या तस्वीर चाहिए। वहीं माता के लिए लाल चुनरी भी अवश्य ले लें। वहीं चौकी पर विछाने के लिए लाल कपड़ा भी ले, जिस पर माता स्थापित की जाएंगी।

मां दुर्गा की श्रृंगार सामग्री

नवरात्रि में माता रानी का श्रृंगार भी किया जाता है। जिसमें लाल चुनरी, चूड़ी, इत्र, सिंदूर, महावर, बिंदी, मेहंदी, काजल, बिछिया, माला, पायल, लाली व अन्य श्रृंगार के सामान होने आवश्यक हैं।

नौ दिन हवन के लिए सामग्री

शारदीय नवरात्रि में 9 दिन हवन करने का विधान है। जिसके लिए हवन कुंड, आम की लकड़ी, काले तिल, रोलीया कुमकुम, अक्षत(चावल), जौ, धूप, पंचमेवा, घी, लोबान, लौंग का जोड़ा, गुग्गल, कमल गट्टा, सुपारी, कपूर, हवन में चढ़ाने के लिए भोग आवश्यक है। 

जानिए नवरात्रि की तिथियां

प्रतिपदा (मां शैलपुत्री)- 26 सितम्बर 2022

द्वितीया (मां ब्रह्मचारिणी)- 27 सितम्बर 2022

तृतीया (मां चंद्रघंटा)- 28 सितम्बर 2022

चतुर्थी (मां कुष्मांडा)- 29 सितम्बर 2022

पंचमी (मां स्कंदमाता)- 30 सितम्बर 2022

षष्ठी (मां कात्यायनी)- 01 अक्टूबर 2022 

सप्तमी (मां कालरात्रि)- 02 अक्टूबर 2022

अष्टमी (मां महागौरी)- 03 अक्टूबर 2022

नवमी (मां सिद्धिदात्री)- 04 अक्टूबर 2022

दशमी (मां दुर्गा प्रतिमा विसर्जन- 5 अक्टूबर 2022