Shardiya Navratri 2021: हिंदू धर्म में आस्था रखने वालों के बीच शक्ति के नौ रूपों की उपासना का पर्व नवरात्रि खास महत्त्व रखता है। इस महापर्व की शुरुआत कल यानी गुरुवार 7 अक्टूबर को हो रही है। मां दुर्गा के उपासक नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना, जिसे घट स्थापना भी कहा जाता है, से करते हैं। इस बार कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त और स्वार्थ सिद्धि योग में संपन्न की जाएगी।
अभिजित मुहूर्त में होगी कलश स्थापना (Navratri 2021 Kalash Sthapana Muhurat)- भारतीय ज्योतिष विज्ञान के सदस्य पंडित राकेश झा ने बताया कि इस बार शारदीय नवरात्र में कलश स्थापना अभिजित मुहूर्त में की जाएगी। इस दौरान स्वार्थ सिद्धि का योग रहेगा। इसका समापन भी 15 अक्टूबर को अभिजित मुहूर्त और स्वार्थ सिद्धि योग में ही होगा।
कौन सा समय रहेगा उत्तम (Navratri 2021 Kalash Sthapana Timing)- हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन शुक्ल प्रतिपदा, गुरुवार को घट स्थापना के साथ शारदीय नवरात्र की शुरुआत हो जाएगी। ज्योतिषविदों के अनुसार, कलश स्थापना का श्रेष्ठ समय गुरुवार सुबह 6: 15 बजे से लेकर 10:30 बजे तक रहेगा। इसके बाद का समय कलश स्थापना के लिए मध्यम रहेगा।
डोली पर आएंगी मां दुर्गा- ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस बार माता दुर्गा डोली में अपने भक्तों से मिलने आ रहीं हैं। माना जाता है कि इससे महिलाओं को शक्ति मिलती है और समाज में उनका वर्चस्व बढ़ता है। माता दुर्गा गज पर अपने भक्तों से विदा लेंगी। माता का गज पर विदा होना भक्तों के लिए शुभ फलदायी होता है।
क्यों करते हैं कलश स्थापना (Navratri Kalash Sthapana Importance)- नवरात्रि में कलश स्थापना कर नौ दिनों तक माता दुर्गा के नौ रूपों की आराधना की जाती है। इस दौरान कलश स्थापना के साथ-साथ अखंड ज्योति भी प्रज्वलित की जाती है। हालांकि कई लोग बिना कलश स्थापना के भी मां दुर्गा की पूजा करते हैं। कलश स्थापना के पीछे कारण ये दिया जाता है कि इससे देवी की उपासना में आने वाले सभी कष्ट दूर होते हैं। माना जाता है कि इस कलश में सभी तीर्थ और देवी-देवताओं का वास होता है। कलश स्थापना से घर में सुख शांति बनी रहती है और सभी तरह की नकारात्मक उर्जा दूर ही रहती है।
