Naraka Chaturdashi 2019 Date, Puja Muhurat, Timings: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है। जिसे कई जगह नरक चतुर्दशी के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन ब्रह्म मुहूर्त में तेल लगाकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिल जाती है। वहीं कुछ लोग इस दिन शाम के समय यमराज के नाम का दीप जलाते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दीप को जलाने से अकाल मृत्यु से मुक्ति मिल जाती है। इस बार नरक चतुर्दशी 26 अक्टूबर को है।

नरक चतुर्दशी का महत्व: मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन सुबह तेल लगाकर अपामार्ग की पत्तियां जल में डालकर स्नान करने से नरक से मुक्ति मिल जाती है। इस दिन विधि विधान पूजा करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर राक्षस का वध किया था। इस दिन लोग अपने घर के मुख्य द्वार के बाहर यम के नाम का चौमुखा दीपक जलाते हैं। जिससे अकाल मृत्यु कभी न आए।

नरक चतुर्दशी की कथा: रन्तिदेव नाम के एक धर्मात्मा राजा थे। उन्होंने सदैव धर्म के अनुसार राज्य किया, लेकिन एक दिन उनके द्वार से एक गरीब आदमी अन्नदान न मिलने से भूखा ही चला गया। इस बात की राज को कोई जानकारी नहीं थी। फलस्वरूप जिस दिन उनकी मृत्यु हुई, उनके पास यमदूत आकर खड़े हो गये। राजा चौंक गए, पूछा कि जीवनभर कोई पाप तो हुआ नहीं फिर आप क्यों आ गए? यमदूत ने उन्हें बताया कि एक बार गरीब आपके यहां से भूखा लौट गया था। राजा ने यह सुनकर यमदूत से एक साल का समय मांगा। ऋषियों से सलाह लेकर राजा ने नरक चतुर्दशी का व्रत किया और भूखों को भोजन करा अपने अपराधों के लिए क्षमा मांगी। इससे राजा पाप मुक्त होकर विष्णु लोक में गए। तभी से कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष चतुर्दशी को दीप जलाने की परंपरा शुरू हो गई।

यम के नाम दीप जलाने की विधि : इस दिन घर के सबसे बड़े सदस्य को एक बड़ा दीपक जलाना चाहिए। इस दीये को पूरे घर में घुमाकर घर से बाहर दूर रख आएं। घर के दूसरे सदस्य घर के अंदर ही रहें और इस दीपक को न देखें।
यम दीपम शनिवार, अक्टूबर 26, 2019 को
यम दीपम सायान्ह सन्ध्या – 05:42 पी एम से 06:59 पी एम
अवधि – 01 घण्टा 17 मिनट्स