Nag Panchami 2021 Date: सावन के महीने में आने वाला नाग पंचमी का पर्व काफी खास माना जाता है। जो इस बार 13 अगस्त दिन शुक्रवार को मनाया जाएगा। इस दिन लोग नाग देवता की पूजा करते हैं। रुद्राभिषेक कराने के लिए भी ये दिन काफी शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति नाग देवता की पूजा कराने के साथ-साथ शिव की पूजा व रुद्राभिषेक करता है उसके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। जानिए नाग पंचमी का क्या है महत्व और क्यों मनाया जाता है ये पर्व…
नाग पंचमी और भगवान श्री कृष्ण: पौराणिक कथाओं के अनुसार नाग पंचमी का एक किस्सा भगवान कृष्ण से भी जुड़ा हुआ है। कहते हैं कि एक बार जब भगवान कृष्ण अपने दोस्तों के साथ खेल रहे थे तब गलती से उनकी गेंद नदी में जा गिरी। इस नदी में कालिया नाग का वास था। गेंद नदी में जाती देख भगवान कृष्ण नदी में जा कूद पड़े। नदी में कालिया नाग ने भगवान कृष्ण पर हमला कर दिया लेकिन भगवान कृष्ण ने उसे सबक सिखाया। भगवान विष्णु के अवतार श्री कृष्ण जी को जानने के बाद कालिया नाग ने उनसे मांफी मांगी और वचन दिया कि वो अब से किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचाएगा। कहते है कि कालिया नाग पर श्री कृष्ण की विजय को भी नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है।
नाग पंचमी का महत्व: कहते हैं कि कुंडली में यदि कोई भी दोष हो खासकर कालसर्प दोष तो नागपंचमी के दिन इसकी शांति की पूजा करवा सकते हैं। यह दिन कई दोषों से मुक्ति पाने के लिए सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। इस दिन ऊं नम: शिवाय और महामृत्युंजय मंत्रों का जाप सुबह-शाम करना चाहिए। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग का दुग्ध से रुद्राभिषेक कराने से प्रत्येक मनोकामना पूर्ण होती हैं। जिनकी कुंडली राहु दोष होता है उनके लिए भी इस दिन रुद्राभिषेक करवाना फलदायी माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं अनुसार इस दिन सर्पों को स्नान कराने, दूध पिलाने व उनकी पूजा करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
कब है नाग पंचमी? हिन्दू पंचांग के अनुसार नाग पंचमी सावन महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस बार पंचमी तिथि की शुरुआत 12 अगस्त 2021 को गुरुवार की दोपहर 03 बजकर 24 मिनट से हो जाएगी और इसकी समाप्ति 13 अगस्त दिन शुक्रवार को दोपहर 01 बजकर 42 मिनट पर होगी। अत: नाग पंचमी का पर्व 13 अगस्त को मनाया जाएगा। नाग पंचमी पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त 13 अगस्त को सुबह 05 बजकर 48 मिनट से 08 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। (यह भी पढ़ें- अगस्त महीना इस राशि वालों के लिए बेहद शुभ रहने के आसार, राशि में स्वामी ग्रह की उपस्थिति दिला सकती है अपार सफलता)
नाग पंचमी की कथा: किसी राज्य में एक किसान परिवार रहता था उस किसान के दो लड़के और एक लड़की थी। एक दिन हल जोतते समय गलती से उसके हल से नाग के तीन बच्चे कुचल कर मर गए। यह देखकर उन बच्चों की मां नागिन ने अपनी संतान के हत्यारे से बदला लेने का संकल्प किया। रात के समय अंधकार में नागिन ने किसान, उसकी पत्नी व दोनों लड़कों को डस लिया। अगले दिन जब सुबह-सुबह नागिन किसान की पुत्री को डसने के उद्देश्य से किसान के घर की तरफ फिर चली तो किसान की कन्या ने उसके सामने दूध से भरा कटोरा रख दिया।और हाथ जोड़कर उसने क्षमा मांगी। नागिन ने कन्या से प्रसन्न होकर उसके माता-पिता व दोनों भाइयों को पुनः जीवित कर दिया। कहते हैं कि उस दिन श्रावण शुक्ल पंचमी थी। मान्यता अनुसार तब से आज तक नागों के कोप से बचने के लिए नाग पंचमी के दिन नागों की पूजा की जाती है।