Coral Stone: रत्न शास्त्र में 84 उपरत्न और 9 रत्नों का वर्णन मिलता है। जिसमें से 5 रत्नों का ज्यादा महत्व बताया गया है जो हैं- माणिक्य, मोती, पन्ना, मूंगा, हीरा और पन्ना। जिसमें हर ग्रह का संबंध एक रत्न से है। वहीं रत्न ग्रहों का शुभ प्रभाव बढ़ाकर व्यक्ति को जीवन में तरक्की दिलाने का कारक बनते हैं। यहां हम बात करने जा रहे हैं आज मूंगा रत्न के बारे में। मूंगा रत्न मंगल ग्रह का प्रतिनिधि रत्न माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र में मंगल को साहस और जोश का कारक माना गया है। रत्न विज्ञान के अनुसार जिन लोगों का मंगल अशुभ या कमजोर होता है। वह लोग मूंगा धारण कर सकते हैं। आइए जानते हैं मूंगा पहनने के क्या फायदे होते हैं और इसे धारण करने की सही विधि क्या है।

ऐसा होता है मूंगा रत्न:

रत्न शास्त्र अनुसार मूंगा लाल, सिंदूरी, गेरुआ, सफेद तथा काले रंग का होता है। मूंगा रत्न धारण करने से मंगल ग्रह मजबूत होता है जिससे इस ग्रह के शुभ प्रभावों में वृद्धि होने लगती है। इस रत्न को अंग्रेजी में कोरल कहते हैं।

मूंगा रत्न पहनने के लाभ:

मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है जो शक्ति, बल, साहस व ऊर्जा के स्वामी हैं। यह रत्न राजनीति, नेतृत्व, प्रशासन, सेना, पुलिस, मेडिकल क्षेत्र, तेल, गैस, प्रॉपर्टी, ईंटभट्टे के कार्य इत्यादि कारोबार का कारक है। वहीं किसी व्यक्ति को रक्त से सम्बन्धित कोई समस्या रहती है तो उसे मूंगा पहनने से फायदा मिलता है। वहीं अगर किसी व्यक्ति को अज्ञात भय का अनुभव हो तो मूंगा रत्न पहनना रामबाण साबित होगा।

इन राशि वालों को धारण करना चाहिए मूंगा:

वृश्चिक और मेष लग्न या राशि वालों के लिए मंगल उनके स्वामी ग्रह है और मंगल का रत्न मूंगा पहनने से मंगल की पॉवर बढ़ती है। जिससे वह व्यक्ति के अंदर रोग प्रतिरोधक क्षमता, आकर्षक व्यक्तित्व एवं बल प्रदान करते हैं। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में मंगल उच्च के यानि सकारात्मक स्थित हों वो लोग भी मूंगा धारण कर सकते हैं। वहीं अगर कुंडली में नीच का मंगल स्थित है तो मूंगा धारण नहीं करना चाहिए। (यह भी पढ़ें)- हाथ की रेखाओं से जानिए किस फील्ड में मिल सकती है आपको सफलता, जानिए क्या कहता है हस्तरेखा शास्त्र

ऐसे धारण करें मूंगा:

रत्न शास्त्र अनुसार मूंगा को सोना, चांदी या तांबे की अंगूठी में बनवाकर धारण किया जा सकता है। अंगूठी को सबसे पहले कच्चे दूध और गंगाजल से धो लें। साथ ही मंगलवार के दिन प्रातःकाल से लेकर दोपहर तक किसी भी समय में आप इसे दाएं हाथ की अनामिका उंगली में मूंगा धारण करें। धारण करने के बाद क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः मंत्र का जप करते रहें। स्त्रियां बाएं हाथ की अनामिका उंगली में मूंगा धारण करें, तो बेहतर रहेगा। (यह भी पढ़ें)- Shani Gochar: इन 2 राशि वालों को रहना होगा सावधान, शुरू होने वाला है शनि की ढैय्या का प्रभाव, जानें उपाय