हिंदू धर्म में एकादशी को पवित्र दिन के रुप में माना जाता है, इस दिन व्रत करके मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मोक्षदा एकादशी के दिन ही गीता जयंती मनाई जाती है। इस दिन के लिए मान्यता है कि भगवान कृष्ण के मुख से पवित्र भगवत गीता का जन्म हुआ था। मोक्षदा एकदाशी का सार भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं अर्जुन से कहा था। इस पवित्र दिन की कहानी भगवान के मुख से ही उद्धत हुई थी। हिंदू पंचाग के अनुसार मार्गशीर्ष एकादशी को मोक्षदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन गीता जयंती भी मनाई जाती है। जिस कारण इसे धनुर्मास की एकादशी भी कहा जाता है।
मोक्षदा एकादशी व्रत के लिए मान्यता है कि इस व्रत को करने से पितरों को मुक्ति मिलती है, पूर्वजों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। जिन कर्मों और बंधनों के कारण उनकी आत्मा को शांति नहीं मिलती है, उन बंधनों से इस दिन की पूजा के बाद मुक्ति मिलती है। ये व्रत श्री हरि को समर्पित किया जाता है। माना जाता है कि श्री हरि के प्रताप के कारण मनुष्य के सभी पापों का विनाश होता है और मृत्यु पश्चात उसका उद्धार होता है। इस माह मोक्षदा एकादशी 30 नवंबर 2017 गुरुवार के दिन मनाई जाएगी।
एकादशी का व्रत पूरे दिन का व्रत होता है। दशमी तिथि की रात्रि से शुरु होकर ये व्रत द्वादशी की सुबह तक किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के साश दामोदर और कृष्ण की पूजा की जाती है। एकदाशी के दिन भगवान विष्णु को फलाहार करवाया जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन चावल खाना शुभ नहीं माना जाता है। व्रत करने वाले लोग सूर्योदय के पूर्व उठकर स्नान करते हैं और धूप, दीप, तुलसी आदि से भगवान की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत करने से परिवार को सुख-समृद्धि प्राप्त होती है। मोक्षदा एकादशी के व्रत का महत्व धनुर्मास के कारण बढ़ जाता है। दक्षिण भारत में इसका पालन धार्मिक विधि के साथ किया जाता है।


