Kalawa: हिंदू धर्म में मौली का विशेष महत्व है। इसे कई जगहों पर कलावा भी कहा जाता है। किसी भी पूजा या अनुष्ठान शुरू करने से मौली बांधने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लाल सूत से बने इस धागे को रक्षा सूत्र भी कहा जाता है। प्रसिद्ध पंडित जगन्नाथ गुरु के अनुसार, मौली बांधने की परंपरा सदियों से से ऐसे ही आ रही है। इंद्रदेव को इंद्राणी ने और फिर वामन भगवान ने दानवीर राजा बलि की कलाई में अमरता के लिए रक्षा सूत्र बांधा था। जानिए मौली क्यों बांधते हैं? इसके साथ ही जानिए बांधने का तरीका और कब बांधना होगा शुभ?
क्या है मौली?
मौली का अर्थ है सबसे ऊपर। हाथ में बांधने के कारण इसे कलावा भी कहा जाता है। मौली के विभिन्न प्रकार के होते हैं।
मौली कच्चा धागा यानी सूत से बनाई जाती है। इसमें 3 रंग होते हैं। लाल, पीला और हरा। लेकिन कई बार ये पांच धागों से बनी होती है जिसमें नीला और सफेद भी जुड़ जाता है। इस कारण मौली के 3 धागों को त्रिदेव और पांच धागों को पंचदेवों का प्रतीक माना जाता है।
क्यों बांधते हैं मौली?
धार्मिक कारण
मौली को धार्मिक आस्था का प्रतीक माना जाता है। किसी भी शुभ काम को करने से पहले इस बांधकर संकल्प लिया जाता है। इसके साथ ही देवी-देवता से जीवन में शुभता पाने की कामना करते हैं। मौली बांधने से त्रिदेवों के साथ त्रिदेवियों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसके साथ ही व्यक्ति को हर बाधा से मुक्ति मिलती है और जीवन में आने वाले हर संकट दूर होता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है।
आर्युवेदिक महत्व
सुश्रुत संहिता के अनुसार, सिर के बीच के हिस्से और गुप्त स्थान का अगला हिस्सा मणि कहलाता है। इसी तरह कलाई को मणिबंध कहा जाता है। कलाई वाले हिस्से में कलावा बांधने से मानसिक रोगों से निजात मिलती है। इसके साथ ही यह शरीर की क्रियाओं को नियंत्रित कर सकती है। कहा जाता है कि शरीर की संरचना का प्रमुख नियंत्रण हाथ की कलाई से होता है।
कब बांधी जाती है मौली?
किसी भी शुभ और मांगलिक काम में मौली बांधना शुभ माना जाता है।
अगर कोई शुभ काम न हो और आप मौली बांधना चाहते हैं, तो शनिवार या फिर मंगलवार के दिन बांध सकते हैं। इसके साथ ही पुराने कलावा को बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें।
शास्त्रों के अनुसार, हर मास पड़ने वाली संक्रांति में भी मौली बांधना शुभ माना जाता है।
मौली बांधने के नियम
शास्त्रों के अनुसार, अविवाहित महिलाओं और पुरुषों को दाएं हाथ में कलावा बांधना शुभ माना जाता है। इसके साथ ही शादीशुदा महिलाएं बाएं हाथ में कलावा बांधती है।
जब आप मौली बांध रहे हैं, तो हाथ ही मुट्ठी बंद कर लें। इसके बाद रक्षा सूत्र लेकर 3 बार लपेट लें। इसके साथ ही इस मंत्र को बोले-
मंत्र
येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:।
तेन त्वामनुबध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।