Shri Hit Premanand Govind Sharan Ji Maharaj: स्वामी प्रेमानंद महाराज वृंदावन में रहते हैं। वहीं इनके जन्म की बात करें तो यह तो इनका जन्म कानपुर में हुआ था। वहीं आपको बता दें कि महाराज जी काफी दिन काशी में रहे थे और भगवान शिव की पूजा में लीन रहते हैं। वहीं अगर महाराज जी के इष्ट की बात करें तो वह राधा रानी को अपना इष्ट मानते हैं। साथ ही इन दिनों महाराज जी सोशल मीडिया पर खूब लोकप्रिय हैं और प्रेमानंद महाराज के प्रवचन सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। महाराज जी के सोशल मीडिया पर फॉलोअर लगातार बढ़ते जा रहे हैं। आपको बता दें कि महाराज जी अपने सत्संग के माध्यम से लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। साथ ही लोगों के प्रश्नोंं के उत्तर देते हैं।
वहीं सोशल मीडिया पर महाराज जी का एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक भक्त महाराज जी से पूछ रहा है कि क्या माता- पिता के कर्मों का फल बच्चों को मिलता है। जिस पर महाराज जी ने उत्तर दिया कि माता- पता के कर्मों का फल बच्चो को शुभ और अशुभ रूप में प्राप्त होते हैं। प्रेमानंद महाराज जी ने कहा कि जैसे माता- पिता की प्रापर्टी संतान को मिलती है। ऐसे ही माता-पिता के कर्मों का फल बच्चोंं को भुगतना पड़ता है।
वहीं महाराज जी ने कहा कि जो माता- पिता अपने बच्चों का कल्याण चाहते हैं, उनको अपने कर्म ठीक रखने चाहिए। क्योंकि अगर आपके कर्म दूषित होंंगे तो आपकी संतान को जीवन में कष्टोंं का सामना करना पड़ेगा। इसलिए अपने कर्मों को हमेशा अच्छा रखें। साथ ही दान- पुण्य समय- समय पर करते रहें। जिससे संतान के जीवन में कोई परेशानी न आए।
जानिए कौन हैं संत श्री हित प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज
प्रेमानंद महाराज ने 13 साल की उम्र में अपना गांव और घर त्याग दिया था। साथ ही महाराज जी जन्म कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक में हुआ था। इनके पिता का नाम शंभू पांडेय है, माता का नाम राम देवी हैं। वहीं महाराज जी के गुरु जी का नाम श्री गौरंगी शरण जी महाराज है। वहीं प्रेमानंद जी महाराज बताते हैं कि, जब वे 5वीं कक्षा में थे, तभी से गीता का पाठ शुरू कर दिया और इस तरह से धीरे-धीरे उनकी रुचि आध्यात्म की ओर बढ़ने लगी।