ज्योतिष शास्त्र अनुसार जब भी कोई ग्रह राशि परिवर्तन या किसी अन्य ग्रह के साथ युति बनाता है। तो इसका सीधा असर मानव जीवन और पृथ्वी पर पड़ता है। आपको बता दें कि 27 जून को प्रातः सूर्योदय के उपरांत 05 बजकर 38 मिनट पर मंगल ग्रह का मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश हुआ है और 45 दिन तक मंगल ग्रह मेष राशि में ही रहेंगे।
आपको बता दें कि मेष राशि में 12 अप्रैल को प्रात: 11:23 से राहु ग्रह विराजमान है। जिसके बाद राहु के साथ मंगल की युति बन रही है। इस युति को अंगारक योग कहा जाता है। मंगल ग्रह मेष राशि में स्वग्रही उदित अवस्था में 45 दिन तक रहेंगे। साथ ही 05 जून से वक्री शनि की भी दृष्टि मंगल व राहु पर पड़ रही है। यह अंगारक योग 10 अगस्त को रात के करीब 9 बजकर 8 मिनट पर रहेगा। क्योंकि मंगल वृषभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। आइए डॉ. रवि शर्मा (ज्योतिषाचार्य) से जानते हैं इस योग का राशियों और देश दुनिया पर क्या प्रभाव पड़ेगा…
अंगारक योग का राशियों पर प्रभाव:
मेष राशि में मंगल के साथ राहु होने से मेष राशि पर अंगारक योग का असर होगा और कर्क, तुला और वृश्चिक राशि पर भी इसका असर अशुभ रहेगा। वहीं जिन जातकों की जन्मकुंडली में राहु मंगल की युति से अंगारक योग बन रहा है उनको सावधान रहने की अति आवश्यक है। अंगारक योग में आकस्मिक दुर्घटना होने की आशका बनी हुई रहती है। साथ ही अन्य 8 राशियों पर भी इसका असर देखने को मिलेगा, जिनमें धनु और सिंह राशि वालो के लिए भी परेशानियों का सामना करना पड़ा सकता ही है। अन्य राशियों के लिए मंगल राशि परिवर्तन सामान्य प्रभाव देगा।
भारत और दुनिया पर पड़ेगा ऐसा प्रभाव:
अग्निकारक ग्रह मंगल एवं तामसिक ग्रह राहु की युति से अग्नि, सैन्य तंत्र, पुलिस बल, चक्रवात, तीव्र वायु एवं वायुयान की दुर्घटना के योग बनेंगे। भारत के पूर्वोत्तर में बाढ़ से जन-धन की हानि हो सकती है। स्वगृही मंगल के कारण रूचक योग भी बनेगा। साथ ही राजनीतिक उथल पुथल होने की भी संभावना है। साथ ही भूकंप, अग्निकांड जैसी घटना भी हो सकती है। वहीं जनता का राजनेताओं से विरोध भी देखने को मिल सकता है। इसके साथ ही मंगल राहु की युति से मौसम में बदलाव देखने को मिलेका और बारिश में कमी रहेगी, जिससे कृषि क्षेत्र में पैदावार कम होगी। स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे हृदय रोग,चोट, जलना और ब्लड प्रेशर आदि की बीमारियां बढ़ सकती हैं।
इस समय देश में राजनीतिक अस्थिरता चरम पर होगी, क्योंकि मेष में विराजमान राहु और मंगल पर शनि की नीच दृष्टि है। शनि जनता का और मंगल सेना का कारक है। इसी वजह से इस गोचरकाल में देश की जनता में असंतोष की भावना हो सकती है। इस योग के कारण आंदोलन का पनपना, पुलिस और सेना पर किसी बड़े हमले का भी योग बन रहा है। इस समय देश को अस्थिर करने के लिए साजिश की जा सकती है। आजाद भारत की कुंडली वृष लग्न की है, जिसके कारण यह युति 12वें भाव में होकर गुप्त साजिश का संकेत दे रही है। न्यायपालिका इस समय कोई बड़ा निर्णय दे सकती है। मंगल अति उत्साही, ऊर्जावान,आग्नेयास्त्रों, सेना तथा जमीन जायदाद के कारक हैं। इसलिए इनके राशि परिवर्तन का आम जनमानस पर सीधा असर पड़ता है।
अंगारक योग के प्रभाव से बचने हेतु उपाय :
ज्योतिष अनुसार किसी भी ग्रह के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए सदैव परोपकारी कार्य करते रहना चाहिए। वहीं अपनी आय का दशम भाग का दान, धर्म में खर्च करने से ग्रहों की शुभता आती है। वहीं मंगल ग्रह के लिए मसूर की दाल दान करें। साथ ही तांबे की वस्तु, लाल वस्त्र और मूंगा रत्न दान कर सकते हैं। लेकिन मूंगा धारण करने से पहले किसी ज्योतिषी की सलाह जरूर ले लें। मंगल स्त्रोत्र तथा हनुमान चालीसा का पाठ करें।