ज्योतिष में बृहस्पति को गुरु के नाम से भी जाना जाता है। गुरु को शिक्षा, अध्यापक, धर्म, बड़े भाई, दान, परोपकार, संतान आदि का कारक माना जाता है। माना जाता है कि यदि कुंडली में देव गुरु बृहस्पति मजबूत स्थिति में हों, तो व्यक्ति की किस्मत चमक जाती है। कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत हो तो वह व्यक्ति ज्ञान के क्षेत्र में अग्रणी होता है।

गुरु मजबूत होने से उसकी आंखों में चमक और चेहरे पर तेज होता है। वो व्यक्ति किसी को भी अपने ज्ञान के समक्ष झुकाने की पूरी ताकत रखता है। ऐसे लोग जीवन में बहुत तरक्की प्राप्त करते हैं और दूसरों के प्रेरणादायी बनते हैं। बृहस्पति ग्रह को पीला रंग प्रिय है।

बृहस्पति के कमजोर होने से व्यक्ति के संस्कार कमजोर होते हैं। विद्या और धन प्राप्ति में बाधा के साथ साथ व्यक्ति को बड़ों का सहयोग पाने में मुश्किलें आती हैं। पाचन तंत्र कमजोर करने समेत बृहस्पति और भी कई गंभीर समस्याएं देता है।

कुंडली (Kundali) में मजबूत चंद्रमा व्यक्ति को सुख और समृद्धि देता है। इसलिए चंद्रमा को मजबूत करने के लिए कम से कम 10 सोमवार का व्रत रखना चाहिए। इसके अलावा चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सोमवार को सफेद कपड़े पहनें और स्नान के बाद ओम श्रां श्रीं श्रौं स: चंद्राय नम: मंत्र का 3, 5 या 11 माला जप करें।

व्यक्ति का चंद्र तभी कमजोर होता है जब घर का वायव्य कोण दूषित हो या घर में जल का स्थान-दिशा यदि दूषित है तो भी चन्द्र मंदा फल देता है। वहीं पूर्वजों का अपमान करने और श्राद्ध कर्म नहीं करने से भी चन्द्र दूषित हो जाता है। माता का अपमान करने या उससे विवाद करने पर चन्द्र अशुभ प्रभाव देने लगता है।

गुरु मजबूत करने के लिए गरुवार का व्रत करना चाहिए। इसके साथ ही जातक को गुरुवार के दिन पीले रंग के कपड़े पहनने चाहिए। यह व्रत आप 3, 9 या 16 वर्ष तक कर सकते हैं। इसके अलावा आप ओम ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम: मंत्र का जाप मंत्र का जाप 3, 5 या 16 माला कर सकते हैं। साथ ही अपनी शक्ति औरे श्रद्धा के अनुसार गुरुवार को शहद, पीले अन्न, पीले वस्त्र, फूल, हल्दी, पुस्तक, पुखराज, सोना आदि का दान कर सकते हैं।