Margashirsha Month 2023: कार्तिक पूर्णिमा की समाप्त के साथ ही आज से भगवान श्री कृष्ण का प्रिय माह मार्गशीर्ष मास शुरू हो गया है। हिंदू धर्म में इस महीने को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह को लेकर शास्त्रों में कहा गया है कि ‘मासोनम मार्गशीर्षोहम्’ यानी मार्गशीर्ष के समान कोई दूसरा शुभ महीना नहीं है। इतना ही नहीं भगवान श्री कृष्ण ने स्वयं इस महीने को सबसे शुभ बताया है। कहा जाता है कि इसी महीने से सतयुग का आरंभ हुआ था। इसलिए इस मास जप, तप और ध्यान का विशेष महत्व है। आइए जानते हैं मार्गशीर्ष माह में पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

कब से कब तक मार्गशीर्ष मास 2023?

हिंदू पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष माह 26 नवंबर 2023 को सुबह 5 बजकर 46 मिनट आरंभ हो रहा है, जो 26 दिसंबर 2023 को सुबह 6 बजकर 2 मिनट को समाप्त हो रहा है। इसके बाद पौष मास आरंभ हो जाएगा।

मार्गशीर्ष महीने का व्रत त्योहार (Margashirsha Month 2023 Festival-Vrat 2023)

28 नवंबर 2023, मंगलवार – रोहिणी महोत्सव, मार्गशीर्ष शुरू
30 नवंबर 2023, गुरुवार – गणाधिप संकष्टी चतुर्थी
5 दिसंबर 2023,मंगलवार – कालभैरव जयंती, कृष्ण जन्माष्टमी मासिक।
8 दिसंबर 2023, शुक्रवार- उत्पन्ना एकादशी

10 दिसंबर 2023, रविवार- प्रदोष व्रत
11 दिसंबर 2023, सोमवार – मासिक शिवरात्रि<br>12 दिसंबर 2023, मंगलवार- दर्श अमावस्या
14 दिसंबर 2023, गुरुवार- चंद्र दर्शन
16 दिसंबर 2023, शनिवार – धनु संक्रांति(सूर्य का धनु राशि में प्रवेश) , विनायक चतुर्थी
17 दिसंबर 2023, रविवार – विवाह पंचमी
18 दिसंबर 2023, सोमवार – स्कंद षष्ठी
20 दिसंबर 2023, बुधवार – मासिक दुर्गाष्टमी
22 दिसंबर 2023, शुक्रवार- गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी
23 दिसंबर 2023, शनिवार – मत्स्य द्वादशी
24 दिसंबर 2023, रविवार- प्रदोष व्रत, हनुमान जयंती (कन्नड), मासिक कार्तिगाई
26 दिसंबर 2023, मंगलवार- दत्तात्रेय जयंती, अन्नपूर्णा जयंती, त्रिपुर भैरवी जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा व्रत।

मार्गशीर्ष में ये काम करना शुभ

शास्त्रों के अनुसार, मार्गशीर्ष माह में विष्णु सहस्त्रनाम, भगवत गीता और गजेन्द्रमोक्षः का पाठ जरूर करना चाहिए। इसके अलावा शंख में गंगाजल जरूर भरकर पूजा वाले स्थान में रख दें। इसके अलावा भगवान श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ माखन-मिश्री का भोग लगाने से वह अति प्रसन्न होते हैं।

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