Mangala Gauri Vrat 2024: सावन के महीने में मंगला गौरी व्रत का विशेष महत्व है। यह व्रत सावन महीने के हर मंगलवार को रखा जाता है। साथ ही यह व्रत मां पार्वती को समर्पित होता है। वहीं मान्यता है कि मंगला गौरी व्रत रखने से अविवाहित लड़कियों की शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। वहीं विवाहित स्त्रियों के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है। साथ ही पति दीर्घायु होता है। वहीं इस साल पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा। वहीं इस दिन कई दुर्लभ योग भी बन रहे हैं, जिससे इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। आइए जानते हैं शुभ मुहूर्त और महत्व…
शुभ मुहूर्त और तिथि
वैदिक पंचांग के मुताबिक सावन माह का आरंभ 22 जुलाई से हो रहा है। इस दिन सावन महीने का पहला सोमवार व्रत रखा जाएगा। वहीं इसके अगले दिन मंगलवार को प्रथम मंगला गौरी व्रत मनाया जाएगा। वहीं आपको बता दें कि सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 23 जुलाई को सुबह 10 बजकर 24 मिनट तक है। इसलिए सावन महीने का पहला मंगला गौरी व्रत 23 जुलाई को रखा जाएगा।
बन रहे हैं कई दुर्लभ योग
सावन महीने के पहले मंगलवार पर त्रिपुष्कर योग, आयुष्मान योग, अभिजीत मुहूर्त, गर और वणिज करण बन रहे हैं। ज्योतिष में योगों को शुभ कार्यों एवं पूजा-पाठ के लिए शुभ माना जाता है। इन योग में मां पार्वती की पूजा अर्चना कर सकते हैं। इन योगों में पूजा का दोगुना फल प्राप्त होता है।
जानिए धार्मिक महत्व
मंगला गौरी व्रत में मां पार्वती के साथ भोलेनाथ की पूजा करने का विधान है। साथ ही इस व्रत को कुंवारी कन्याएं और विवाहित स्त्री दोनों रख सकती हैं। वहीं इस व्रत को रखने से सुख- समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही इस व्रत को रखने से पति पत्नी के बीच के रिश्ते मधुर होते हैं। इसके अलावा संतान सुख की प्राप्ति के लिए भी यह व्रत किया जाता है। यदि किसी कन्या के विवाह में बाधाएं आ रही है मांगलिक दोष है तो वह भी इस व्रत को रख सकते हैं। इस व्रत को रखने से विवाह के योग बनते हैं। साथ ही मनचाहे वर की प्राप्ति होती है।
मंगला गौरी व्रत डेट
23 जुलाई पहला मंगला गौरी व्रत
30 जुलाई दूसरा मंगला गौरी व्रत
6 अगस्त तीसरा मंगला गौरी व्रत
13 अगस्त चौथा मंगला गौरी व्रत