Mangal Gochar 2025: ग्रहों के सेनापति, भूमि पुत्र मंगल एक निश्चित अवधि के बाद राशि परिवर्तन करते है जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। मंगल को भूमि पुत्र, युद्ध का देवता के साथ-साथ शक्ति, ऊर्जा, साहस, और पराक्रम का कारक माना जाता है। बता दें कि इस समय मंगल मिथुन राशि में विराजमान है। लेकिन होली के बाद यानी 3 अप्रैल 2025 को 1 बजकर 56 मिनट पर पुन: मंगल अपनी नीच राशि कर्क राशि में प्रवेश कर जाएंगे। मंगल के अपनी नीच राशि में आने से कुछ राशि के जातकों के जीवन में अमंगल हो सकता है। आइए जानते हैं मंगल के कर्क राशि में जाने से किन राशियों के जीवन में आ सकती है मुश्किलें…
मेष राशि (Kark Zodiac)
इस राशि में मंगल पहले और आठवें भाव के स्वामी होकर चौथे भाव में प्रवेश करेंगे। ऐसे में इस राशि के जातकों के जीवन में काफी हलचल मच सकती है। इस राशि के जातकों को सुख-सुविधाओं में तेजी से कमी देखने को मिल सकती है। घर-परिवार के साथ किसी बात को लेकर काफी परेशान नजर आ सकते हैं। करियर के क्षेत्र में भी कई चुनौतियां आ सकती है। वरिष्ठ अधिकारियों और सहकर्मियों का भी साथ नहीं मिलेगा, जिससे आप काफी परेशान रह सकते हैं। व्यापार में भी आपके हाथ से काफी बड़े-बड़े अवसर निकल सकते हैं। इसलिए कोई भी काम बहुत ही ज्यादा रणनीति बनाकर ही करें। बेकार के खर्चों से परेशान हो सकते हैं। इसके साथ ही बचत भी नहीं कर पाएंगे। माता के स्वास्थ्य को लेकर परेशान रहेंगे।
मिथुन राशि (Mithun Zodiac)
इस राशि के जातकों के लिए मंगल का कर्क राशि में जाना काफी परेशानी का कारण बन सकता है। परिवार से जुड़े मामलों में समस्याएं हो सकती है। कार्यस्थल में किसी भी काम या फिर बात करते समय थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि आपके खिलाफ ये चीजें इस्तेमाल हो सकती है। कार्यस्थल में बेकार की बहस करने से बचें। आर्थिक स्थिति की बात करें, तो बेवजह खर्च से परेशान हो सकते हैं, जिससे आप निकल पाने में असमर्थ हो सकते हैं। स्वास्थ्य को लेकर भी थोड़ा सतर्क रहें।
मीन राशि (Meen Zodiac)
मंगल दूसरे और नौवें भाव के स्वामी होकर इस राशि के पांचवे भाव में रहने वाले हैं। मंगल के अपनी नीच राशि में जाने से इस राशि के जातकों को किस्मत का पूरा साथ मिल सकता है। काम को लेकर आप काफी परेशान हो सकते है। लेकिन आपकी बुद्धि तेज होने वाली है। काम के बोझ से कार्यस्थल में थोड़ा परेशान हो सकते हैं। इसके चलते आप कई गलतियां कर सकते हैं। व्यापार के क्षेत्र में भी आपको पार्टनर का साथ नहीं मिलेगा। ऐसे में बिजनेस में बुरा असर पड़ सकता है।
कर्मफलदाता शनि जातकों को उनके कर्मों के हिसाब से फल या फिर दंड देते हैं। शनि एकलौता ग्रह है जो सबसे धीमी गति से चलते हैं। शनि 30 साल बाद राशि, तो वहीं 27 साल बाद नक्षत्र परिवर्तन करते हैं जिसका असर 12 राशियों के जीवन में किसी न किसी तरह से अवश्य पड़ता है। ऐसे ही शनि बसंत पंचमी के दिन गुरु के नक्षत्र पूर्वा भाद्रपद के दूसरे पद में प्रवेश करने वाले हैं। शनि की इस स्थिति पर बदलाव का असर इन तीन राशियों पर सबसे अधिक पड़ने वाला है। जानें इन राशियों के बारे में
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