ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुंडली में 9 ग्रहों और 12 राशियों का अध्ययन किया जाता है। व्यक्ति के जन्म और समय के आधार पर उसकी राशि निर्धारित होती है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शरीर का संचालन भी यही नौ ग्रह करते हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल भारी होता है, तो उन जातकों के ऊपर मंगल दोष रहता है। कुंडली के प्रथम भाव, चतुर्थ भाव, सप्तम भाव, अष्टम भाव तथा द्वादश भाव में से किसी भी भाव में मंगल का होना व्यक्ति के जीवन पर भारी पड़ता है। हालांकि, अगर मंगल लग्न या फिर अष्टम भाव में विराजमान हों तो यह दोष ज्यादा गंभीर माना गया है।
जिन जातकों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उनके खास-तौर पर शादी-ब्याह के कार्यों में बड़ी अड़चनें आती हैं। मंगल दोष व्यक्ति को अधिक गुस्सैल और जिद्दी बनाता है। इसके कारण दांपत्य जीवन में भी परेशानियां आने लगती हैं। हालांकि, ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मांगलिक व्यक्ति की शादी अगर मांगलिक लड़की से है तो उनका दोष दूर हो जाता है। वहीं, अगर पति-पत्नी में से कोई एक मंगली है तो दूसरे को स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
कुंडली में मंगल दोष को दूर करने के उपाय-
-जानकारों के मुताबिक जिन जातकों की कुंडली में मंगल दोष है, उन्हें रोजाना हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। इसके अलाव मांस-मदीरा से दूर रहना चाहिए।
-मंगलवार के दिन भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए और साथ ही इस दिन गेहूं, मसूर की दाल, तांबा, सोना, लाल फूल, लाल वस्त्र, लाल चंदन, केशर, कस्तुरी, लाल बैल और भूमि आदि दान करना चाहिए। इससे मंगल के प्रभाव कम होते हैं।
-कुंडली में मंगल की शांति के लिए मंगलवार का व्रत करना चाहिए, साथ ही हाथ में मूंगा रत्न धारण करना चाहिए। मंगलवार के दिन हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर उसका टीका माथे पर लगाना चाहिए। इसके अलावा नीम के पेड़ की रोजाना पूजा करनी चाहिए।
-मांगलिक व्यक्ति जब भी अपना घर बनवाए तो उसे घर में लाल पत्थर जरूर लगवाना चाहिए। मंगलवार के दिन बंदरों को गुड़ और चना खिलाना भी काफी शुभ माना जाता है।
-मंगलवार के दिन दो मुट्ठी मसूर की दाल लाल कपड़े में बांधकर किसी भिखारी को देने से दोष का प्रभाव कम होता है।