Mandir Vastu Tips: हिंदू धर्म में पूजा-पाठ का बहुत अधिक महत्व है और ज्यादातर लोग अपने दिन की शुरुआत पूजा-पाठ से करते हैं। इसके लिए घर में एक मंदिर होता है, जहां वे भगवान की मूर्तियां रखकर पूजा करते हैं। आजकल लोग लकड़ी के सुंदर मंदिर घर में रखना पसंद करते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार, इसे रखने के भी कुछ खास नियम होते हैं। मान्यता है कि इन नियमों का पालन करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है और भगवान की कृपा मिलती है। अगर आप इन बातों को ध्यान में नहीं रखते हैं तो इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। तो चलिए जानते हैं कि वास्तु के अनुसार, घर में लकड़ी के मंदिर रखने पर किन किन बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है।

कौन सी लकड़ी का मंदिर रखना चाहिए?

अगर आप लकड़ी का मंदिर खरीद रहे हैं, तो शीशम या सागवान की लकड़ी का मंदिर सबसे अच्छा माना जाता है। यह लकड़ी मजबूत होती है और जल्दी खराब नहीं होती। इस बात का ध्यान जरूर रखें कि लकड़ी में दीमक न लगी हो। मंदिर को दीमक से बचाने के लिए समय-समय पर उस पर वार्निश करवाते रहें।

मंदिर रखने की सही दिशा

वास्तु के अनुसार, मंदिर को घर के पूर्व दिशा में रखना सबसे अच्छा होता है। पूजा करते समय अपना मुख पूर्व दिशा की ओर रखें और पीठ पश्चिम की ओर। अगर पूर्व दिशा में रखना संभव न हो, तो मंदिर उत्तर दिशा में भी रख सकते हैं। लेकिन मंदिर को कभी भी बेडरूम या बाथरूम के पास नहीं रखना चाहिए, इससे नकारात्मक ऊर्जा आती है।

मंदिर में मूर्तियां कैसे रखें?

मूर्तियों को सीधे मंदिर में नहीं रखना चाहिए। इसके बजाय, लाल या पीले रंग का कपड़ा बिछाकर उस पर देवी-देवताओं की मूर्तियां रखें। इससे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।

मंदिर की साफ-सफाई जरूरी

मंदिर और उसके आसपास हमेशा सफाई होनी चाहिए। वहां धूल, जाले या गंदगी नहीं होनी चाहिए। कहा जाता है कि भगवान सिर्फ साफ-सुथरी जगह पर ही वास करते हैं। वास्तु के अनुसार, अगर मंदिर गंदा रहेगा, तो इससे घर में नकारात्मकता बढ़ सकती है।

कब करें मंदिर की स्थापना?

अगर आप घर में नया मंदिर रख रहे हैं, तो इसे सोमवार, बुधवार, गुरुवार या शुक्रवार को रखना शुभ माना जाता है। दीवाली के दिन भी मंदिर रखना बहुत अच्छा माना जाता है।

ऐसे करें मंदिर की सजावट

मंदिर को सीधे जमीन पर न रखें, बल्कि किसी टेबल या दीवार पर फिक्स करवाएं। आप मंदिर को घंटी, फूलों की मालाओं और शुभ-लाभ के स्टीकर से सजा सकते हैं। इसके अलावा, मंदिर में हमेशा गंगाजल और मंगल कलश रखना चाहिए।

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