ज्योतिष शास्त्र में जन्म कुंडली का विशेष महत्व है। जन्म कुंडली के आधार पर व्यक्ति का वर्तमान और भविष्य काफी हद तक प्रभावित होता है। ज्योतिष में कहा गया है कि हर किसी की जन्म कुंडली का एक मुख्य ग्रह होता है। इस मुख्य ग्रह को जन्म कुंडली का प्राण कहा जाता है। कुंडली में नौ ग्रह और बारह राशियों का अध्ययन किया जाता है। इन नौ ग्रहों में मुख्य ग्रह को काफी महत्वपूर्ण माना गया है। ज्योतिष में कहा गया है कि कुंडली में यदि मुख्य ग्रह का दशा कमजोर हो जाए तो व्यक्ति को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यदि मुख्य ग्रह का दशा मजबूत हो और बाकी के ग्रह कमजोर स्थिति में हों तब भी व्यक्ति को लाभ मिलता है। ज्योतिष की मानें तो जन्म कुंडली में मुख्य ग्रह की दशा मजबूत होने पर व्यक्ति को सफलता मिलती है। लेकिन मुख्य ग्रह कमजोर हो तो तमाम मेहनत करने के बावजूद व्यक्ति अपने प्रयासों में असफल साबित होता है। इससे वह निराशा में घिर जाता है। हम आपको जन्म लग्न के आधार पर बता रहे हैं कि आपका मुख्य ग्रह कौन सा है।
मेष लग्न का मुख्य ग्रह- सूर्य।
वृषभ लग्न का मुख्य ग्रह- शनि।
मिथुन लग्न का मुख्य ग्रह- बुध।
कर्क लग्न का मुख्य ग्रह- मंगल।
सिंह लग्न का मुख्य ग्रह- बृहस्पति।
कन्या लग्न का मुख्य ग्रह- शुक्र।
तुला लग्न का मुख्य ग्रह- शनि।
वृश्चिक लग्न का मुख्य ग्रह- बृहस्पति।
धनु लग्न का मुख्य ग्रह- मंगल।
मकर लग्न का मुख्य ग्रह- शुक्र।
कुंभ लग्न का मुख्य ग्रह- शुक्र।
मीन लग्न का मुख्य ग्रह- चंद्रमा।