Maha Shivratri 2024, Shiv Bhasma Bnane ki Vidhi: महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव के साथ माता पार्वती की पूजा करने का विधान है। फाल्गुन मास में पड़ने वाली चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस दिन शिवलिंग में बेलपत्र, धतूरा, आक का फूल, फूल, माला चढ़ाने के साथ-साथ भस्म चढ़ाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। भस्म को शिव जी का प्रमुख वस्त्र माना जाता है। आमतौर पर योगी शमशान भूमि से उठाई गई राख को भस्म के रूप में इस्तेमाल करते हैं। लेकिन यह घर पर करना संभव नहीं है, तो इसलिए मार्केट में मिलने वाली भस्म का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन मार्केट में मिलने वाली भस्म अधिकतर सफेद पत्थर का बना पाउडर होता है। जो किसी काम का नहीं होता है। ऐसे में अगर आप भोलेनाथ को भस्म चढ़ाकर उन्हें प्रसन्न करना चाहते हैं, तो इसे आसानी से घर पर बना सकते हैं। आइए जानते हैं घर पर कैसे बनाएं भस्न और इसका महत्व।
शिव भस्म का महत्व
शिवपुराण के अनुसार, भस्म शिव जा प्रमुख वस्त्र माना जाता है, क्योंकि भस्म ही सृष्टि का सार है। एक व्यक्ति क्या पूरे संसार को एक दिन भस्म में ही परिवर्तित होना है। भस्म लगाने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। आप परम प्रकृति की ओर अग्रसर होते हैं। इसलिए महादेव को चढ़ाई गई भस्म लगाने से हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
घर पर कैसे बनाएं शिव भस्म?
भस्म बनाने के लिए गाय के गोबर का इस्तेमाल किया है। इसमें कुछ और चीजों को मिलाकर भस्म तैयार की जाती है। अगर गाय के गोबर से भस्म नहीं बना पा रहे हैं, तो चावल की भूसी से भी भस्म तैयार कर सकते हैं। ये इस बात का संकेत है कि शरीर मूल पदार्थ नहीं है, बल्कि बस एक बाहरी परत है।
शिवपुराण के अनुसार, गाय के गोबर से छोटे-छोटे कंडे या उपले बना लें और इन्हें धूप में सुखा लें। जब ये अच्छे से सूख जाएंगे। इसके बाद इन्हें जलाकर राख बना लें। अब दूसरी ओर पीपल, वट, अमरतास, पलाश, शमी और बेर की सूखी लकड़िय़ों को लेकर मंत्रोच्चारण के साथ जला लें। यह भी राख के रूप में परिवर्तित हो जाएगी। इसके बाद गाय के गोबर की राख और इन लकड़ियों की राख को लेकर मिला लें और एक साफ कपड़े से छान लें। आपकी शिव भस्म बनकर तैयार है। इसके बाद इसे शिव पूजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।