Mahashivratri 2022 Date: आज (1 मार्च) को पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर शिव योग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र होगा और चंद्रमा मकर राशि में 04:32 पी एम तक और उसके बाद कुंभ राशि में प्रवेश कर जाएंगे। रहेंगे। मान्यता है आज के ही दिन शिव और शक्ति का मिलन हुआ था। इसलिए आज के दिन भगवान शिव का व्रत रखने वालों सौभाग्य, समृद्धि और संतान की प्राप्ति होती है।
पूरे देश में महाशिवरात्रि का त्योहार पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। लोग सुबह से ही शिव मंदिर में जाकर भोलेनाथ की पूजा- अर्चना और रुद्राभिषेक करना शुरू कर देते हैं। मान्यता है भगवान शिव एक लौटा जल चढ़ाने से ही प्रसन्न हो जाता हैं और सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इस साल महाशिवरात्रि का पर्व 1 मार्च मंगलवार को मनाया जाएगा। वहीं इस दिन पंचग्रही योग और दो शुभ योग का महासंयोग भी बना हुआ है। इस शुभ संयोग और शुभ मुहूर्त में जो जातक विधि-विधान से बाबा की आराधना करेंगे, उनकी हर इच्छा पूरी होगी। आइये जानते हैं पूजा मुहूर्त व विधि…
बन रहा है पंचग्रही योग:
महाशिवरात्रि पर इस बार पंचग्रही योग का निर्माण हो रहा है और यह योग मकर राशि में बनेगा। इस राशि में मंगल और शनि साथ बुध, शुक्र और चंद्रमा रहेंगे। लग्न में कुंभ राशि में सूर्य और गुरु की युति बनी रहेगी। साथ ही चौथे भाव में राहु वृषभ राशि में रहेंगे, जबकि केतु दसवें भाव में वृश्चिक राशि में गोचर करेंगे।
इन शुभ मुहुर्त में करें भोलेनाथ की पूजा- अर्चना:
महाशिवरात्रि के दिन सुबह 12.10 से दोपहर 12.57 तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। वहीं इसके बाद दोपहर 02.07 से लेकर 02.53 तक विजय मुहूर्त रहेगा। पूजा या कोई शुभ कार्य करने के लिए ये दोनों ही मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं। शाम के वक्त 05.48 से 06.12 तक गोधूलि मुहूर्त रहने वाला है। जो भोलेनाथ की पूजा करने के लिए अच्छा समय माना जाता है। (यह भी पढ़ें)- Maha Shivratri 2022: महाशिवरात्रि पर ग्रहों का महासंयोग, इन 4 राशि वालों पर रहेगी भगवान शिव की विशेष कृपा
महाशिवरात्रि पूजन विधि:
फाल्गुन मास में आने वाली महाशिवरात्रि साल की सबसे बड़ी शिवरात्रि में से एक मानी जाती है। इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद घर के पूजा स्थल पर जल से भरे कलश की स्थापना करें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की मूर्ति की स्थापना करें। फिर अक्षत, पान, सुपारी, रोली, मौली, चंदन, लौंग, इलायची, दूध, दही, शहद, घी, धतूरा, बेलपत्र, कमलगट्टा आदि भगवान को अर्पित करें। साथ ही पजून करें और अंत में आरती करें। (यह भी पढ़ें)- Mahashivratri 2022: क्यों मनाया जाता है महाशिवरात्रि का पर्व? जानिए इस दिन से जुड़ीं 3 बड़ीं रोचक घटनाएं