Mahalaxmi Yantra: अपार धन पाने के लिए मां लक्ष्मी का आशीर्वाद जरूरी है क्योंकि वे धन की देवी हैं। इसलिए लोग लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के जतन करते हैं। धर्म, ज्योतिष, वास्तु, लाल किताब आदि में मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं। इनमें से कुछ उपाय तो बेहद प्रभावी हैं। इसमें से एक महत्वपूर्ण उपाय है महालक्ष्मी यंत्र को घर के पूजास्थल में स्थापित कर उसकी रोग पूजा करना। मान्यता है इस यंत्र को घर में स्थापित करने से, उनकी पूजा करने से मां लक्ष्मी हमेशा घर में वास करती हैं और घर को धन-धान्य से भर देती हैं।
क्या है महालक्ष्मी यंत्र: धार्मिक मान्यताओं अनुसार श्वेत हाथियों के द्वारा स्वर्ण कलश से स्नान करती हूई कमल पर विराजमान देवी महालक्ष्मी के पूजन से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि घर में पैसा टिक नहीं पा रहा है या फिर किसी न किसी कारण पैसों की समस्या बनी रहती है तो इसके लिए आप अपने घर या ऑफिस में महालक्ष्मी यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। इस यंत्र को धनदाता या श्रीदाता भी कहा जाता है। मान्यता है कि इस यंत्र को स्थापित करने से सभी कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
महालक्ष्मी यंत्र का महत्व: इस यंत्र से जुड़ी एक पौराणिक कथा के अनुसार एक बार लक्ष्मी जी पृथ्वी से बैकुंठ धाम चली गई थीं। जिससे पूरी पृथ्वी पर संकट आ गया। तब महर्षि वशिष्ठ ने महालक्ष्मी की धरती पर वापसी के लिए और प्राणियों के कल्याण के लिए श्री महालक्ष्मी यंत्र को स्थापित किया और इस यंत्र की विधि विधान साधना की। ऐसा माना जाता है कि इस यंत्र की साधना से लक्ष्मी जी पृथ्वी पर प्रकट हो गईं।
महालक्ष्मी यंत्र के लाभ: धन संबंधी सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए इस यंत्र की स्थापना करने की सलाह दी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इस यंत्र के प्रभाव से कर्ज से मुक्ति मिल जाती है। कार्यस्थल पर इस यंत्र को लगाने से लाभ मिलता है। स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से निजात पाने के लिए भी इस यंत्र की स्थापना की जाती है। कहते हैं कि इस यंत्र के प्रभाव से मरीज के स्वास्थ्य में सुधार आने लगता है। बिजनेस में तरक्की और नौकरी में प्रमोशन के लिए भी इस यंत्र को कल्याणकारी माना गया है। (यह भी पढ़ें)- Shani Uday 2022: शनि देव उदय होकर बना रहे राज योग, इन 5 राशि वालों को धनलाभ के साथ राजनीति में तरक्की के भी प्रबल योग
महालक्ष्मी यंत्र नोट:
इस यंत्र की स्थापना किसी भी दिन नहीं की जाती है। इसकी स्थापना किसी बेहद ही शुभ मुहूर्त, दीपावली, धनतेरस, अभिजीत मुहूर्त या रविपुष्य योग में ही करनी चाहिए। इस यंत्र के साथ श्रीयंत्र रखने से सभी कार्यों में सफलता मिलने की संभावना बढ़ जाती हैं। इस यंत्र को खरीदते वक्त इस बात का ध्यान रखें कि यह विधिवत बनाया गया हो और प्राण प्रतिष्ठित हो। श्री महालक्ष्मी यंत्र को खरीदने के बाद किसी अनुभवी ज्योतिषी द्वारा इसे अभिमंत्रित कराकर घर की सही दिशा में ही स्थापित करना चाहिए। (यह भी पढ़ें)- Chaturgrahi Yog: मकर राशि में बनने जा रहा है चतुर्ग्रही योग, इन 4 राशि वालों की बदल सकती है तकदीर