Maha Shivratri 2018 Puja Samagri: महाशिवरात्रि के व्रत की हिंदू धर्म में महत्वता मानी जाती है। महिलाओं के लिए शिवरात्रि का व्रत विशेष महत्व रखता है। अविवाहित महिलाएं सुवर पाने की इच्छापूर्ति के लिए भगवान शिव से प्रार्थना करती हैं, वहीं विवाहित महिलाएं अपने पति और परिवार के लिए मंगलकामना करती हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव से पूछा था कि आप किस वस्तु से सबसे ज्यादा प्रसन्न होते हैं तो भगवान शिव ने कहा था कि जो भक्त उनके लिए श्रद्धाभाव से व्रत करता है उनसे वो सबसे अधिक प्रसन्न होते हैं। इस दिन श्रद्धालु अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए शिवालयों में जलाभिषेक और पूजा अर्चना करते हैं और भगवान शिव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं।

बिल्व पत्र- भगवान शिव के पूजन और अभिषेक में बिल्वपत्र को प्रथम स्थान दिया जाता है। ऋषियों के अनुसार बिल्वपत्र शिवलिंग को अर्पित करना और 1 करोड़ कन्याओं के कन्यादान का फल समान माना जाता है। तीन जन्मों के पापों के संहार के लिए भगवान शिव को तीन पत्तियों वाला बिल्वपत्र अर्पित किया जाता है।

भांग- भगवान शिव ने हलाहल विष का पान किया था, इस विष का उपचार करने के लिए सभी देवताओं ने शिव को कई तरह की जड़ीबूटियां दी थी। भगवान शिव को भांग इसी कारण से बहुत ही प्रिय थी। शिवरात्रि के दिन भांग के पत्तों को पीसकर दूध या जल में घोलकर भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है।

धतूरा- भांग की तरह धतूरा भी एक जड़ीबूटी है। भगवान शिव के सिर पर चढ़े विष के प्रभाव को दूर करने के लिए धतूरा प्रयोग किया गया था। इसी कारण से शिव को धतूरा प्रिय है। महाशिवरात्रि के अवसर पर शिवलिंग पर धतूरा अर्पित किया जाता है। धतूरा अर्पित करने से धन संबंधी मामलों में उन्नति प्राप्त होती है।

Maha Shivratri 2018 Date: जानें कब है महाशिवरात्रि और क्या है इसका महत्व

गंगाजल- गंगा भगवान विष्णु के चरणों और भगवान शिव की जटाओं से धरती पर उतरी है, इसी कारण से सभी नदियों में गंगा को पवित्र माना जाता है। गंगा जल से भगवान शिव का अभिषेक करने से मानसिक शांति और सुख की प्राप्ति होती है।

गन्ने का रस- गन्ना जीवन में मिठास और सुख का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों में इसे पवित्र माना गया है। प्रेम के देवता कामदेव का धनुष गन्ने से बना है। देवप्रबोधनी एकादशी के दिन गन्ने का घर बनाकर भगवान विष्णु और देवी तुलसी का पूजन किया जाता है। गन्ने के रस से शिवलिंग का अभिषेक करने से धन-धान्य की प्राप्ति होती है।

महाशिवरात्रि 2018 पूजा शुभ मुहूर्त और विधि: यहां जानें भगवान शिव के पूजन का शुभ समय