अप्रैल के महीने में होने वाले राहु केतु गोचर (Rahu-Ketu Gochar 2022) को ज्योतिष की दृष्टि से छाया ग्रह की परिभाषा दी गई है। राहु और केतु दोनों ही ग्रह पापी स्वभाव के होते हैं और वक्री गति में चलते हैं। 12 अप्रैल, 2022 को सुबह 11 बजकर 18 मिनट पर राहु मेष राशि में गोचर करेगा और केतु तुला राशि में गोचर करेगा।

ज्योतिष शास्त्र में कहा जाता है जब राहु मेष राशि में गोचर करता है तो यह मेष राशि के गुणों की मिसाल पेश करता है। वहीं दूसरी तरफ केतु का तुला राशि में गोचर होगा। तुला साझेदारी की राशि मानी जाती है। ऐसे में तुला राशि में केतु गोचर के प्रभाव स्वरूप लोग अपनी प्रतिबद्धताओं से कुछ को अलग महसूस कर सकते हैं।

मेष राशि: मेष राशि के जातकों के लिए यह गोचर बेहद शुभ रहने वाला है, इस दौरान जातक आत्मविश्वास से भरपूर, सकारात्मक ऊर्जा से लबरेज रहेंगे। इस दौरान जातक अपने ऊपर बहुत काम करने वाले हैं, चाहे वह करियर को लेकर हो या फिर फिटनेस या पर्सनालिटी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि आत्मविश्वास बढ़ने के साथ निर्णय लेने से पहले सतर्क रहें। स्वार्थी और मतलबी बनने की संभावना दिखाई दे रही है, लेकिन दूसरों को इस दौरान उपेक्षित न करें साथ ही किसी भी प्रकार की लड़ाई-झगड़े से बचें।

वृषभ राशि: गोचर के दौरान वृष राशि के जातकों को बाहर जाने का मौका मिल सकता है। इस दौरान वह अपने जन्मभूमि से दूर रहेंगे। जो भी जातक विदेश जाने की योजना बना रहे हैं, उनके लिए यह सही और शुभ समय है। जो भी जातक अपने नौकरी पेशा में कार्यस्थल में बदलाव करना चाहते हैं, उनके लिए यह बेहद अनुकूल समय है। सेहत को लेकर सावधान रहने की जरूरत है। किसी भी लापरवाही के चलते स्वास्थ्य पर अधिक खर्च होने की संभावना है। इस दौरान पौष्टिक भोजन और पर्याप्त नींद लें।

मिथुन राशि: गोचर के दौरान जातक धन कमाने और सामाजिक दायरे को बढ़ाने को लेकर जुनूनी हो सकते हैं। इस दौरान प्रेम संबंधों में उतार चढ़ाव देखने को मिल सकता है, इसलिए जीवनसाथी को नजरअंदाज करने से बचें। इसके अलावा इस समय अवधि में आपको अपने बच्चों के साथ भी कुछ परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। यदि आप विद्यार्थी हैं तो मुमकिन है कि इस दौरान आपकी पढ़ाई में भी कुछ बाधा देखने को मिले। ऐसे में सावधान रहें।

गोचरकाल के दौरान राहु और केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम करने के उपाय

  • दुर्गा चालीसा का पाठ करें या “ॐ दुर्गाय नमः” का प्रतिदिन 27 बार जाप करें।
  • मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा का जाप करें और हनुमान जी को बूंदी का प्रसाद चढ़ाएं।
  • “ॐ केतवे नमः” का जाप करें।
  • “ॐ रहवे नमः” का जाप करें।
  • आवारा कुत्तों और मछलियों को खाना खिलाएं।