Magh Purnima 2025 Date: हिंदुओं के लिए माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ महीने की पूर्णिमा को माघ पूर्णिमा कहा जाता है। इसे माघी पूर्णिमा और महा माघी नाम से भी जानते हैं। इस दिन स्नान दिन का विशेष महत्व है। इसके अलावा इस दिन महाकुंभ में शाही स्नान भी है, जिसमें लाखों लोग प्रयाग के त्रिवेणी संगम में स्नान करने के साथ दान करेंगे। मान्यता है कि इस दिन स्नान करने के साथ-साथ दान करने से 31 गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, मंत्र, दान सहित अन्य जानकारी…
माघ पूर्णिमा शुभ मुहूर्त (Magh Purnima 2025 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि 11 फरवरी को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर शुरू होगी, जो 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर होगा। उदय तिथि के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी 2025 को मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा 2025 स्नान दान का समय
12 फरवरी को सुबह 5 बजकर 19 मिनट से सुबह 6 बजकर 10 मिनट तक
माघ पूर्णिमा 2024 पूजा विधि (Magh Purnima 2025 Puja Vidhi)
माघ पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन स्नान दान करने के साथ-साथ मां लक्ष्मी के अलावा भगवान विष्णु , हनुमान जी, देवी पार्वती, भगवान बृहस्पति की पूजा करने के साथ चंद्रमा को अर्घ्य देने का विधान है। सूर्योदय से पहले उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। अगर आप किसी कारणवश पवित्र नदी नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर स्नान कर लें। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत, लाल फूल आदि डालकर सूर्य देव का अर्घ्य करें और अर्घ्य करते समय ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करते रहें। इसके साथ ही अपनी योग्यता के अनुसार दान करें। शाम को चंद्रमा के उदय होने के बाद अर्घ्य देने के साथ विधिवत पूजा करें। आज के दिन सत्यनारायण पूजा करने के साथ सत्यनारायण कथा भी पढ़ते हैं। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है। इसके अलावा पीपल के पेड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा पर करें ये दान (Magh Purnima 2025 Daan)
माघ पूर्णिमा को इस दिन तिल, गुड़, वस्त्र, घी, अनाज, फल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप (Magh Purnima 2025 Mantra)
श्री विष्णु मंत्र
- ॐ नमोः नारायणाय।।
- ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।।
- ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
- तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।
मां लक्ष्मी मंत्र
- ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।
- ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।
- श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
- तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।
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