Magh Purnima 2024 Shubh Muhurat Puja Vidhi Snan Daan Time And Mantra: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की पूर्णिमा तिथि आज पड़ रही है। आज के दिन पवित्र नदी में स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही आज दान करने से 31 गुना अधिक पुण्य की प्राप्ति होती है। आज का दिन काफी शुभ है, क्योंकि आज रात 10 बजकर 20 मिनट तक मघा नक्षत्र रहने वाला है। इसके साथ ही प्रयागराज में चल रहा माघ मेला का समापन हो जाएगा और जो लोग कल्पवास कर रहे हैं वो भी आज से पूर्ण हो जाएगा। आइए जानते हैं माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र…
माघ पूर्णिमा 2024 मुहूर्त (Magh Purnima 2024 Shubh Muhurat)
हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ माह की पूर्णिमा तिथि 23 फरवरी को दोपहर 3 बजकर 36 मिनट से शुरू हो रही है, जो 24 फरवरी को शाम 6 बजकर 34 मिनट पर समाप्त हो रही है। ऐसे में उदया तिथि के आधार पर माघ पूर्णिमा 24 फरवरी 2024 मनाई जाएगी।
माघ पूर्णिमा 2024 स्नान दान का समय (Magh Purnima 2024 Snan Daan Time)
हिंदू पंचांग के अनुसार, 24 फरवरी को स्नान-दान का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 11 बजकर से सुबह 6 बजकर 02 मिनट तक है।
माघ पूर्णिमा 2024 पूजा विधि (Magh Purnima 2024 Puja Vidhi)
माघ पूर्णिमा के दिन स्नान दान का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा या किसी अन्य पवित्र नदी का स्नान करें। अगर आप किसी कारणवश पवित्र नदी नहीं जा पा रहे हैं, तो घर में ही स्नान के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इससे गंगा स्नान के बराबर ही पुण्य की प्राप्ति होगी। इसके बाद एक तांबे के लोटे में जल, सिंदूर, अक्षत, लाल फूल आदि डालकर सूर्य देव का अर्घ्य करें और अर्घ्य करते समय ‘ऊँ सूर्याय नम:’ मंत्र का जाप करते रहें। इसके बाद भगवान विष्णु, हनुमान जी, शिव जी के साथ मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करें। फिर अपनी योग्यता के अनुसार दान करें।
माघ पूर्णिमा पर करें ये दान (Magh Purnima 2024 Daan)
माघ पूर्णिमा को इस दिन तिल, गुड़, वस्त्र, घी, अनाज, फल का दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा पर करें इन मंत्रों का जाप (Magh Purnima 2024 Mantra)
श्री विष्णु मंत्र
ॐ नमोः नारायणाय।।
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय।।
ॐ श्री विष्णवे च विद्महे वासुदेवाय धीमहि।
तन्नो विष्णुः प्रचोदयात्।।
मां लक्ष्मी मंत्र
ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः।।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद।
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्मयै नम:।।
श्री महालक्ष्म्यै च विद्महे विष्णु पत्न्यै च धीमहि,
तन्नो लक्ष्मी प्रचोदयात् ॐ।।
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