सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण दोनों मे सूतक लगता है। हिन्दू धर्म की मान्यता के अनुसार सूतक का बहुत ही महत्व होता है। जहाँ सूर्य ग्रहण के समय सूतक 12 घंटे पहले लगता है। तो वहीं चंद्र ग्रहण के दौरान सूतक 9 घंटे पहले ही लग जाता है। इस बार चंद्र ग्रहण 16 और 17 जुलाई की रात को लगेगा। इस लिहाज से सूतक 16 जुलाई को दिन में 4:30 बजे से शुरू हो जाएगा। सूतक लगने के बाद मंदिर के कपाट भी बंद कर दिए जाते हैं। और इसी के साथ बहुत से काम करने पर रोक लग जाती है। तो क्या होता है सूतक और इस दौरान किन बातों का रखना होता है ध्यान, जानिए यहां…
सूतक क्या है: सूतक से अभिप्राय है ऐसा खराब समय जिसके दौरान प्रकृति संवेदनशील हो जाती है। ऐसे समय में अनहोनी होने की भी आशंका ज्यादा होती है। इसलिए इस समय कुछ कार्यों को करने में सावधानी बरतने की जरूरत होती है। धार्मिक दृष्टि से सूतक काल का काफी महत्व होता है। जानिए इस दौरान किन बातों का रखें ध्यान…
– गर्भवती महिलाओं को अपनी सेहत का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि ग्रहण के समय की किरणों से गर्भ में पल रहे बच्चे को हानि हो सकती है।
– सिलाई और कढ़ाई-बुनाई का कार्य इस समय के लिए रोक देना चाहिए।
– सूतक के समय पूजा-पाठ भी नहीं करना चाहिए।
– सूतक के समय भोजन को भी नहीं पकाना चाहिए। क्योंकि ग्रहण की किरणों से भोजन अशुद्ध हो सकता है।
– सूतक के समय शौचालय ना जाने की भी मान्यता है। जहाँ तक संभव हो तो इस समय शौच जाने से बचना चाहिए।
– सूतक में कोई भी नया काम करने से बचना चाहिए।
– यदि आपको खाने पीने के सामान को अशुद्ध होने से बचाना है तो तुलसी का एक-एक पत्ता सूतक से पहले ही उन सब में डाल देना चाहिए।
– सूतक में तुलसी को छूना तक नहीं चाहिए।
– ग्रहण को कभी भी नंगी आंखों से नहीं देखना चाहिए।
सूतक का प्रभाव: सूतक का प्रभाव इस बात पर निर्भर करता है कि आप इसके उपायों का पालन करते हैं या नहीं। सूतक के समय खान-पान की वस्तुएं अशुद्ध हो जाती हैं जिससे कि उनको खाने से व्यक्ति की सेहत पर प्रभाव पड़ सकता है। इसी प्रकार अन्य प्रभावों से बचने के लिए भी आपको सूतक के बारे में और उससे संबंधी उपायों की जानकारी होनी चाहिए।