Lord Shiva Mantra: हिंदू धर्म में भगवान शिव को ‘देवों के देव’ कहा गया है। उनकी पूजा से न केवल जीवन के कष्ट दूर होते हैं, बल्कि हर इच्छा भी पूरी हो सकती है। कहते हैं कि सच्चे मन से प्रभु को केवल एक लोटा जल चढ़ाया जाए, तो वह प्रसन्न होते हैं। लेकिन अगर शिव जी की विशेष कृपा चाहिए, तो प्रदोष व्रत सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इस व्रत को करने से जीवन की बाधाएं दूर होती हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है।
प्रदोष व्रत का महत्व
पंचांग के अनुसार, प्रदोष व्रत हर महीने की त्रयोदशी तिथि (शुक्ल और कृष्ण पक्ष दोनों) को रखा जाता है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस तिथि को शिव जी अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं। प्रदोष व्रत का समय संध्या यानी शाम का होता है। इस दिन शिव जी के साथ-साथ माता पार्वती, भगवान गणेश और कार्तिकेय जी की भी पूजा की जाती है।
शुक्र प्रदोष व्रत
इस बार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 25 अप्रैल को सुबह 11:44 बजे से शुरू होकर 26 अप्रैल को सुबह 8:27 बजे तक रहेगी। ऐसे में प्रदोष व्रत आज यानी 25 अप्रैल, शुक्रवार को रखा जा रहा है। शुक्रवार होने की वजह से इसे शुक्र प्रदोष कहा जाएगा। ऐसे में इस दिन भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने के साथ-साथ उनके मंत्रों का जाप करने से विशेष लाभ होता है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत पर शिव जी के मंत्रों के जाप से वो जल्द प्रसन्न होते हैं और अपनी कृपा बरसाते हैं। साथ ही, इन मंत्रों के जाप से अकाल मृत्यु का भय समाप्त होता है। यहां पढ़ें भगवान शिव के मंत्र…
महामृत्युंजय मंत्र
ऊँ हौं जूं स: ऊँ भुर्भव: स्व: ऊँ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
ऊर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् ऊँ भुव: भू: स्व: ऊँ स: जूं हौं ऊँ।।
सुख और शांति के लिए मंत्र
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि
तन्नो रुद्रः प्रचोदयात्!
करचरण कृतं वाक्कायजं कर्मजं वा ।
श्रवणनयनजं वा मानसं वापराधं ।
विहितमविहितं वा सर्वमेतत्क्षमस्व ।
जय जय करुणाब्धे श्रीमहादेव शम्भो ॥
भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र
ओम साधो जातये नम:।। ओम वाम देवाय नम:।।
ओम अघोराय नम:।। ओम तत्पुरूषाय नम:।।
ओम ईशानाय नम:।। ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।।
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