Laxmi Narayan Yog: ज्योतिष शास्त्र में सभी 9 ग्रहों का विशेष महत्व बताया गया है। समय-समय पर सभी ग्रह राशि बदलने के साथ ही अन्य ग्रहों के साथ किसी न किसी राशि में युति भी बनाते हैं। इन ग्रहों की युति का सीधा प्रभाव सभी जातकों के जीवन पर पड़ता है। ऐसी ही दो ग्रहों की युति इस महीने बनने जा रही है।
13 जुलाई 2022 को बुध और शुक्र ग्रह की युति बनने जा रही है। दरअसल, 13 जुलाई को सुखों के प्रदाता शुक्र मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे। इस दिन शुक्र सुबह 10 बजकर 41 मिनट पर मिथुन राशि में प्रवेश कर चुके हैं। यहां पर बुध ग्रह पहले से ही विराजमान हैं।
ज्योतिष के अनुसार, मिथुन राशि में शुक्र और बुध ग्रह की युति से लक्ष्मी नारायण योग का निर्माण होगा। यह योग 13 जुलाई से 16 जुलाई तक रहेगा। जनसत्ता डॉट कॉम से खास बातचीत में दिल्ली के न्यूमेरोलॉजिस्ट सिद्धार्थ एस कुमार से जानते हैं कि लक्ष्मी नारायण योग कब बनता है और इसका राशियों पर क्या प्रभाव पड़ता है…
कब बनता है लक्ष्मी नारायण योग?
लक्ष्मी नारायण योग बहुत शुभ योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लक्ष्मी नारायण योग कुंडली में स्थित बुध और शुक्र ग्रह की युति से बनता है। बुध को बुद्धि-विवेक और हास्य का कारक माना जाता है। वहीं शुक्र सौंदर्य, भोग विलास के कारक हैं। इन दोनों ग्रहों की युति जातक को रोमांटिक और कलात्मक प्रवृत्ति का बनाता है।
शुक्र सुखों के प्रदाता भी हैं। ऐसे में यह योग सुख सौभाग्य को बढ़ाने वाला योग है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, लक्ष्मी नारायण योग पर यदि गुरु की दृष्टि बनती है तो सोने पर सुहागा जैसी स्थिति बनती है। वहीं लग्न, पांचवें, नौवें भाव में शुक्र बुध की युति से बनने वाले लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से जातक किसी न किसी कला विशेष में दक्ष होता है। पंचम भाव में बनने वाली लक्ष्मी नारायण योग के प्रभाव से जातक विद्वान भी होता है।
कहा जाता है कि कुंडली में लक्ष्मी नारायण योग जातक प्रतिभावान होते हैं। वहीं जब ये योग जन्म कुंडली के पंचम भाव में बनता है तो जातक को विशेष फल प्राप्त होते हैं। शिक्षा और ज्ञान के मामले में यह योग विशेष सफलता प्रदान करता है। ज्योतिष की माने तो ऐसे लोग अपनी प्रतिभा से देश और दुनिया में ख्याति प्राप्त करते हैं।
ज्योतिष के अनुसार यदि शुक्र के साथ बुध और बुध के साथ शुक्र की युति बनती है तो इनका प्रभाव और भी ज्यादा शुभकारी हो जाता है। जहां यह योग मेष, धनु, मीन राशि के जातकों के लिए बहुत फलदायी नहीं होता वहीं वृष, मिथुन, कन्या, तुला राशि के जातकों में यह योग विशेष फल देता है, जिससे जातकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।