Kojagiri Purnima 2023 Date: सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक कोजागर पूजा माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास का पूर्णिमा तिथि को कोजागर पूजा की जाती है। इसे कोजागरी पूर्णिमा भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने का विधान है। यह पर्व उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, असम आदि राज्यों में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन पूजा करने के रात को जागरण करने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घरों में जाती हैं और उनकी पूजा से प्रसन्न होकर अच्छे भाग्य और अत्यधिक सुख- समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करती हैं। जानें कब है कोजागर पूजा, साथ ही जानिए मुहूर्त और महत्व।
कोजागर पूजा 2023 तिथि (Kojagiri Purnima 2023 Date)
हिंदू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 17 मिनट से आरंभ हो रही है, जो 29 अक्टूबर को दोपहर 1 बजकर 53 मिनट पर समाप्त हो रही है। उदया तिथि के हिसाब से कोजागर पूजा 28 अक्टूबर, शनिवार को पड़ रही है।
कोजागर पूजा 2023 पूजा मुहूर्त (Kojagiri Purnima 2023 Puja Muhurat)
निशिता काल का पूजा मुहूर्त- रात 11 बजकर 42 मिनट से 29 अक्टूबर को सुबह 12 बजकर 30 मिनट तक
अवधि 00 घंटे 49 मिनट
कोजागरी पूजा के दिन चंद्रोदय शाम- शाम 05 बजकर 41 मिनट
कोजागर पूजा में क्यों करते हैं मां लक्ष्मी की पूजा?
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन ही समुद्र मंथन के दौरान मां लक्ष्मी प्रकट हुई थी। इसी के कारण इस दिन को देवा मां के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं।
शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है और रात को उसकी रोशनी से अमृत बरसता है। इसी के कारण इस दिन खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी जाती है। इसके साथ ही मां लक्ष्मी को खीर का भोग लगाने से वह अति प्रसन्न होती है और वह हर संकट को हर कर सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
कोजागरी पूर्णिमा को दिवाली से भी ज्यादा खास माना जात है, क्योंकि इस दिन स्वयं मां लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और ये देखती हैं कि रात को कौन जागरण कर रहा है। ऐसे में वह खुश होकर सुख-समृद्धि, धन-संपदा का वरदान देकर चली जाती है। इसलिए इस दिन रात के समय मां लक्ष्मी की पूजा अवश्य करनी चाहिए।
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