Deepak Bati Niyam: हिंदू धर्म में नित-प्रतिदिन अपने आराध्य की पूजा करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दिन की शुरुआत भगवान के नाम के साथ की जाए, तो पूरा दिन अच्छा जाता है। किसी भी शुभ और मांगलिक कार्य को करते समय देवी-देवता की पूजा अवश्य की जाती है, जिससे उनका आशीर्वाद प्राप्त हो। देवी-देवता की पूजा करते समय फूल, माला, सिंदूर, कुमकुम, अक्षत, भोग आदि लगाने के साथ अंत में आरती करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि दीपक जलाकर देवी-देवता की आरती करने से पूजा पूर्ण होती है। इसके साथ ही घर का वातावरण शुद्ध होता है और अधिक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है। आमतौर पर देवी-देवता के समक्ष दीपक की बाती कलावा या फिर रूई से बनाई जाती है और घी, सरसों या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन कई बार बाती को लेकर थोड़ा असमंजस में रहते हैं कि आखिर किस देवी-देवता के सामने किस तरह की बाती जलाई जानी चाहिए। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से…
आमतौर पर देवी-देवता के सामने लंबी या फिर गोल बाती जलाने की परंपरा है। अधिकतर लोग गोल बाती या फिर लंबी बाती का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन आप शायद इस बात को नहीं जानते हैं कि हर देवी-देवता के सामने गोल या फिर लंबी बाती नहीं जलाई जाती है। दोनों ही बाती का महत्व अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं किन देनी-देवता को कौन सी बाती जलानी चाहिए…
लंबी बाती का दीपक (Lambi Bati Ke Niyam)
शिवपुराण के अनुसार, लंबी बाती जलाने का मतलब होता है कि धन में दिन-प्रतिदिन बढ़ोतरी हो और धन-धान्य, ऐश्वर्य की प्राप्ति होती और लगातार कुल की वृद्धि हो। इसलिए कभी भी भगवान शिव, विष्णु, ब्रह्मा जी या फिर अन्य देवता के समक्ष लंबी बाती न जलाएं। लंबी बाती मां लक्ष्मी, दुर्गा, सरस्वती, गौरी, मां काली सहित अन्य देवी के पूजन करते समय जलाएं, जिससे लगातार धन वैभव और ऐश्वर्य की प्राप्ति हो।
देवी को लंबी बाती जलाने के साथ-साथ पितरों को भी जलानी चाहिए। किसी भी अमावस्या, पितृ पक्ष या फिर किसी अन्य पितृ संबंधी कार्यों में लंबी बात का इस्तेमाल करते हैं। कभी भी गोल बाती इन्हें नहीं जलानी चाहिए। इससे कुल वृद्धि में परेशानी होती है। इसके साथ ही पितर नाराज होते हैं, जिससे घर का कोई न कोई सदस्य बीमार रहता हैं और दरिद्रता साथ नहीं छोड़ती है।
गोल बाती का दीपक (Phool Bati Ke Niyam)
गोल बाती का दीपक यानी फूल बाती देवताओं के समक्ष जलाना शुभ माना जाता है। इसे स्थिरता के रूप में जाना जाता है। इसलिए गोल बाती को ब्रह्मा, विष्णु , शिव जी के अलावा अन्य देवता के सामने जलाना चाहिए। इसके अलावा तुलसी के पौधे, पीपल या फिर बड़ वृक्ष के सामने भी गोल बाती ही जलानी चाहिए।
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