हिंदू धर्म में दान देने को बहुत ही पवित्र कार्य बताया गया है। कहते हैं कि दान देने से दाता और ग्राही दोनों को ही समृद्धि प्राप्त होती है। ऐसी मान्यता है कि जरूरतमंदों को दान करने से भगवान दाता पर बहुत ही प्रसन्न होते हैं और उस पर अपनी कृपा बरसाते हैं। मालूम हो कि हिंदू धर्म में कई तरह के दान बताए गए हैं जिनका अलग-अलग महत्व है। इन्हीं दानों में से एक है छाया दान। जी हां, हिंदू धर्म को मानने वालों के लिए छाया दान बहुत ही खास है। आज हम आपको इसी के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि छाया दान कैसे किया जाता है। और शनि ग्रह से इसका क्या कनेक्शन है।
ज्योतिष शास्त्र में छाया दान की विशेष रूप से उल्लेख किया गया है। कहते हैं कि छाया दान करने से व्यक्ति अपने भविष्य को बेहतर बना सकता है। बता दें कि छाया दान का शनि देव से बहुत ही गहरा कनेक्शन है। आमतौर पर छाया दान शनि के प्रकोप से बचने के लिए ही किया जाता है। बताया जाता है कि शनि देव का प्रिय रंग काला है। इसलिए काजल का दान करने से आंख की रोशनी बढ़ती है। वहीं, काले रंग का कंबल दान करने से घर में संपन्नता आती है।
ऐसा कहा जाता है कि भूतकाल की गलतियों से मिलने वाली सजा से बचने के लिए छाया दान किया जाता है। इससे व्यक्ति को सही राह पर चलने की प्रेरणा मिलती है। बता दें कि छाया दान करने के लिए एक लोहे के पात्र में सरसों का तैल ले लेना चाहिए। इसमें कुछ सिक्के डालकर अपनी छवि देखनी चाहिए। इससे माना जाता है कि आपकी बुराइयां इस तैल में चली जाती हैं। इसके बाद इस पात्र को किसी गरीब व्यक्ति को दान कर देना चाहिए।