Astro Tips For Good Heart Health:आज की तेज रफ्तार और भागदौड़ भरी जिंदगी में खुद को स्वस्थ रखना सबसे बड़ी चुनौती है। खाने, पीने, सोने और जागने के तरीके में बदलाव के कारण हृदय रोग बढ़ने लगे हैं। पिछले कुछ समय में हार्ट अटैक और हार्ट अटैक से मौत की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। चिकित्सकों के अनुसार अत्यधिक तनाव के कारण हृदय रोग होते हैं, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में कुछ ग्रहों को भी इसका कारण बताया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किन कारणों से होती है हृदय रोग की समस्या….

सूर्य ग्रह की स्थिति | Effect of Sun on Heart

ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को पिता और आत्मा का कारक ग्रह माना गया है। कुंडली में सूर्य की अशुभ स्थिति जातक को हृदय से संबंधित बीमारियां दे सकता है।

चंद्रमा ग्रह की स्थिति | Effect of Moon on Heart

ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को मन और मस्तिष्क का कारक माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार यदि जातक का चंद्रमा खराब हो तो उसे हृदय रोग हो सकता है।

मंगल ग्रह की स्थिति | Effect of Mars on Heart

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मंगल ग्रह का संबंध हमारे शरीर की मांसपेशियों से माना जाता है। चूंकि हृदय भी मांसपेशियों का बना होता है इसलिए मंगल को हृदय रोग का कारक भी माना जा सकता है।

राहु ग्रह की स्थिति | Effect of Rahu on Heart

ज्योतिष शास्त्र में राहु को आकस्मिक घटना, दुर्घटना, व्यक्ति को बीमार बनाने वाला ग्रह माना जाता है। ऐसे में अगर किसी जातक को किसी भी तरह का हृदय रोग है तो राहु भी इसका कारक ग्रह हो सकता है।

हृदय रोग से बचने के ज्योतिष उपाय | Astrological Remedies to Avoid Heart Disease

सबसे पहले, अगर आपको दिल से संबंधित कोई बीमारी है या इसका संदेह है, तो आपको अपने डॉक्टर से संपर्क करने की आवश्यकता है। उसके बाद ही किसी ज्योतिषीय उपाय पर ध्यान देना चाहिए। हालांकि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हृदय संबंधी किसी भी समस्या से बचने के लिए रविवार के दिन सूर्योदय के समय गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करें। यह उपाय हृदय रोगों से सुरक्षा प्रदान करता है।

वहीं दूसरी ओर सोमवार की रात को आरामदायक स्थिति में बैठकर चंद्रमा के सामने 108 बार “ॐ सोम सोमाय नमः” मंत्र का जाप करें। इसके अलावा मंगलवार की सुबह पूजा के समय मंगल मंत्र “ॐ अं अंगारकाय नमः” का 108 बार जाप करें।