Khatu Shyam Temple: राजस्थान के सीकर में स्थित खाटू श्याम का मंदिर विश्व प्रसिद्ध है। उन्हें कलयुग के श्री कृष्ण का अवतार कहा जाता है। कहा जाता है कि  खाटू श्याम जी के सामने जो भक्त पूरी श्रद्धा के साथ कुछ मांगता है, तो वह मनोकामना जरूर पूरी होती है। खाटू श्याम के दर्शन करने के लिए रोजाना लाखों भक्त पहुंचते हैं। लेकिन अगर आप भी खाटू श्याम जाने का प्लान कर रहे हैं, तो पहले ये खबर पढ़ लें। दरअसल, खाटू श्याम मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 17 अगस्त से रात से लेकर 18 अगस्त को शाम तक बंद रहेंगे। उसके बाद ही कपाट खुलेंगे। इस बात की जानकारी श्री श्याम मंदिर कमेटी ने दी है।

श्री श्याम मंदिर कमेटी के अनुसार, श्री श्याम मंदिर के कपाट 17 अगस्त को रात्रि 10 बजकर 30 मिनट से बंद  हो जाएंगे और 18 अगस्त को शाम 5 बजे के बाद दर्शन के लिए कपाट खुलेंगे। मंदिर के कपाट बंद रहने के दौरान बाबा का श्रृंगार किया जाएगा।

खाटू श्याम मंदिर कमेटी

खाटू श्याम जी की जाएगी विशेष पूजा

कमेटी के अनुसार, करीब 18 घंटे तक बाबा श्याम के कपाट बंद रहेंगे। इस दौरान उनकी विशेष पूजा के साथ सेवा की जाएगी। इसके साथ ही उनका तिलक श्रृंगार किया जाएगा। उनका फूलों से श्रृंगार किया है।

कौन है खाटू श्याम ?

मान्यताओं के अनुसार, बाबा खाटू श्याम का संबंध महाभारत काल है। इन्हें पांडुपुत्र भीम के पोता माना जाता है। उसके साथ ही खाटू श्याम की भक्ति से प्रसन्न होकर श्रीकृष्ण ने उन्हें  कलयुग में अपने नाम से पूजने का वरदान दिया था।

कैसे हुए खाटू श्याम मंदिर का निर्माण?

कहा जाता है कि कलियुग के आरंभ में राजस्थान के खाटू गांव में उनका सिर मिला था। इसको लेकर एक कथा काफी प्रचलित है। इसके अनुसार, एक गाय एक स्थान में जाकर अपने थन से अचानक दूध गिराने लगी थी। जब उस जगह को खोदा गया, तो वहां पर खाटू श्याम का सिर मिला था। लोगों के बीच इस बात को लेकर हलचल मच गई कि आखिर ये सिर किसका है। बाद में सर्वसम्मति से एक पुजारी को ये सिर सौंप दिया था। इसके बाद  क्षेत्र के तत्कालीन शासक रूप सिंह को मंदिर बनवाने का सपना आया। इसके बाद उन्होंने मंदिर का निर्माण कराया और वहां पर खाटू श्याम कू मूर्ति स्थापित किया।