सुनील दत्त पांडेय
आदि शंकराचार्य की जयंती बैशाख शुक्ल पंचमी के अवसर पर केदारनाथ के कपाट वैदिक विधि विधान के साथ गुरुवार सुबह खोले गए। इस अवसर पर पांच हजार से ज्यादा श्रद्धालु उपस्थित थे। लिनचोली से केदारनाथ तक के रास्ते में इस बार बर्फ ज्यादा पड़ी है। इसलिए चार किलोमीटर बर्फ काटकर रास्ता बनाया गया है। अगले छह माह तक देश-विदेश के तीर्थयात्री उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में करीब 12 हजार फुट की ऊंचाई पर मंदाकिनी नदी के तट पर स्थित 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा केदारनाथ के दर्शन कर सकेंगे।
मुख्य पुजारी केदार लिंग ने गुरुवार सुबह बाबा केदार की उत्सव डोली को भोग लगाया और पूजा अर्चना की। इसके बाद डोली को फूलों से भव्य तरीके से सजाया गया। केदारनाथ रावल भीमाशंकर लिंग, वेदपाठियों, पुजारियों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में कपाट पर वैदिक परंपराओं के अनुसार मंत्रोच्चारण किया गया और गुरुवार सुबह 5.35 मिनट पर कपाट खोले गए। इसके साथ ही बाबा केदार की उत्सव डोली ने मंदिर में प्रवेश किया। पुजारियों व वेदपाठियों ने गर्भगृह में साफ सफाई की और भोग लगाया। केदारनाथ की पंचमुखी मूर्ति को मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान किया गया है। पूजा अर्चना की गई। श्रद्धालु छह महीने तक बाबा केदार की पूजा अर्चना करेंगे। सर्दियों में बर्फ व ठंड बढ़ने पर इसके कपाट बंद कर दिए जाते हैं। धार्मिक मान्यता यह है कि कपाट बंद होने के बाद छह महीने तक देवता बाबा केदार की पूजा अर्चना और अभिषेक करते हैं।
केदारनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर थल सेना की जम्मू-कश्मीर लाइट इंफेंटरी के बैंड की धुनों ने समां बांधा। केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के वक्त उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सांसद रमेश पोखरियाल निशंक, गढ़वाल मंडल के आयुक्त बी पुरुषोत्तम, रुद्रप्रयाग जिले के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ,बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के पदाधिकारी और अन्य गणमान्य नागरिक मौजूद थे। लिनचोली से केदारनाथ तक चार किलोमीटर के रास्ते पर बर्फ को काटकर रास्ता बनाया गया है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड पैदल मार्ग पर छोटी लिनचोली के बाद रास्ते पर कई जगह बर्फ की ऊंची-ऊंची दीवारें हैं। अत्यधिक बर्फ को देखकर श्रद्धालु बहुत खुश हो रहे हैं। यहां विशालयकाय हिमखंड नजर आ रहे हैं। छह साल पहले जून, 2013 की केदारनाथ प्राकृतिक आपदा के बाद यह पहला अवसर है जब केदारनाथ यात्रा में मई के दूसरे हफ्ते में भी पैदल मार्ग पर इतनी बर्फ नजर आ रही है।
आॅल वेदर रोड का 80 फीसद कार्य पूरा
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने श्रद्धालुओं और मंदिर प्रशासन के अधिकारियों को कपाट खुलने पर बधाई दी। रावत ने बताया कि तीर्थयात्रियों को स्वास्थ्य और अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। रास्ते में जगह-जगह स्वास्थ्य केंद्र रैन बसेरे बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि आॅल वेदर रोड का कार्य 80 फीसद पूरा हो चुका है। तीर्थ यात्रा शुरू होने की वजह से फिलहाल यह कार्य रोका गया है।