Karwa Chauth 2023,Chand Kab Niklega Updates: अखंड सौभाग्य और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए करवा चौथ का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर साल कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को ये उपवास रखा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को सोलह श्रृंगार कर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। हिंदू पंचांग के मुताबिक, आज काफी शुभ योग में करवा चौथ का व्रत रखा जा रहा है, क्योंकि आज सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शिव और परिघ योग बन रहा है। आइए जानते हैं करवा चौथ का शुभ मुहूर्त, सामग्री, चंद्रोदय का समय सहित अन्य जानकारी।
पानी पीकर व्रत खोलने और पूजा-अर्चना के बाद आप सात्विक भोजन जैसे नींबू पानी, जूस, नारियल पानी, छाछ, खजूर, अंजीर, बादाम, खीर, हलवा, पूरी, गुड़ का चूरमा आदि का सेवन कर सकती हैं।
राजधानी दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ समेत देशभर में चांद का दीदार हो चुका है। इसके साथ ही सुहागिन महिलाओं ने पूरे रीति रिवाज के साथ करवा चौथ का उपवास पूरा कर लिया है।
बिहार की राजधानी पटना और हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में भी चांद नजर आ गया है। सुहागिन महिलाएं दिनभर के उपवास को अब चांद के दीदार के बाद खोलने जा रही हैं।
बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की वजह से काफी धुंध है, ऐसे में यहां लोगों को चांद के दर्शन के लिए कुछ इंतजार करना पड़ सकता है।
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में चांद नजर आ चुका है, सुहागिन महिलाओं ने चंद्रमा के दीदार के बाद पूजा-अर्चना शुरू कर दी है।
बता दें कि कोलकाता में करवा चौथ का चांद नजर आ चुका है। वहीं, अब गुरुग्राम में भी कुछ ही देर में चांद का दीदार होने वाला है।
पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलने के बाद घर में पूजा स्थल पर देवी-देवताओं को फल, मिठाई का भोग लगाएं। इसके बाद जोड़े के साथ प्रार्थना करें और आखिर में आप सात्विक भोजन का सेवन कर सकती हैं।
चांद के दर्शन होने पर सबसे पहले चंद्रमा को प्रणाम करें। इसके बाद चंदन, अक्षत, फूल और रोली चढ़ाकर मिट्टी या तांबे का करवे में मौजूद जल से अर्ध्य दें और चंद्रदेव का आशीर्वाद लें।
गौरतलब है कि करवा चौथ के दिन सुहागिन महिलाएं चांद का दीदार कर पूजा-अर्चना के बाद अपना व्रत खोलती हैं। ऐसे में इस दौरान आपकी पूजा की थाली में छलनी, अर्ध्य के लिए करवे में जल, चंदन, अक्षत, फूल, रोली, व्रत खोलने के लिए पानी और मिठाई होनी चाहिए।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।। ओम जय करवा मैया।
सब जग की हो माता, तुम हो रुद्राणी।
यश तुम्हारा गावत, जग के सब प्राणी।।
कार्तिक कृष्ण चतुर्थी, जो नारी व्रत करती।
दीर्घायु पति होवे , दुख सारे हरती।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
होए सुहागिन नारी, सुख संपत्ति पावे।
गणपति जी बड़े दयालु, विघ्न सभी नाशे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा मैया की आरती, व्रत कर जो गावे।
व्रत हो जाता पूरन, सब विधि सुख पावे।।
ओम जय करवा मैया, माता जय करवा मैया।
जो व्रत करे तुम्हारा, पार करो नइया।।
करवा चौथ के व्रत में चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। इस दिन चांद देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है। बता दें कि लखनऊ में 8 बजकर 5 मिनट पर, कानपुर 8 बजकर 8 मिनट पर, गाजियाबाद 8 बजकर 14 मिनट पर, आगरा 8 बजकर 16 मिनट पर, मथुरा 8 बजकर 18 मिनट पर, मेरठ 8 बजकर 12 मिनट पर, वाराणसी 8 बजकर 1 मिनट पर, प्रयागराज 8 बजकर 5 मिनट पर में दिखाई देगा।
करवा चौथ के पूजन का मुहूर्त आज शाम 5 बजकर 44 मिनट से लेकर शाम 7 बजकर 2 मिनट तक रहेगा। कुल अवधि 1 घंटा 18 मिनट की है। इस अवधि में करवा माता, माता पार्वती-शिव जी और गणेश जी की विधिवत पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है और अखंड सौभाग्य का वरदान मिलता है।
करवा चौथ पर महिलाएं 16 श्रृंगार करके करवा माता की पूजा करती हैं और रात में चांद को अर्घ्य देकर अपना व्रत खोलती हैं। बता दें कि दिल्ली में 8 बजकर 16 मिनट पर, नोएडा 8 बजकर 15 मिनट पर, गाजियाबाद 8 बजकर 14 मिनट पर, गुरुग्राम 8 बजकर 16 मिनट, फरीदाबाद 8 बजकर 15 मिनट पर चांद के दीदार होंगे।
करवा चौथ के दिन शिव-पार्वती जी की पूजा करने के साथ चंद्र देव की पूजा करने का विधान है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, करवा चौथ पर विधिवत पूजा, व्रत रखने के साथ इन ज्योतिषीय उपायों को करने से सुख-समृद्धि, अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
आज पटना में शाम के 8 बजकर 10 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इसके साथ ही रांची में 8 बजकर 2 मिनट पर होगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के रायपुर में रात 8 बजकर 17 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इस दौरान सुहागिन महिलाएं चंद्रमा देखकर अपना व्रत खोल सकती हैं।
इस साल का करवा चौथ(Karwa Chauth) काफी खास है, क्योंकि आज परिघ योग, शिव योग के साथ सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। इसके अलावा तुला राशि में सूर्य और बुध की युति हो रही है, तो बुधादित्य योग बन रहा है। इसके साथ ही, सूर्य और मंगल भी तुला राशि में विराजमान है। ऐसे में आदित्य मंगल योग का निर्माण हो रहा है और कुंभ राशि में शनि ग्रह विराजमान है, जिससे शश योग का निर्माण हो रहा है। माना जा रहा है कि ऐसा संयोग सालों बाद बन रहा है।
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए निर्जला रखती हैं। सूर्योदय से चला ये व्रत शाम को चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होता है। पूरे दिन बिना खाएं-पिएं रहते हैं। ऐसे में व्रत खोलते ही अचानक काफी भूख लगती हैं और कुछ भी खा लेते हैं। जानिए करवा चौथ का व्रत खोलने के बाद किन चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए।
करवा चौथ के मौके पर अखंड सौभाग्य के लिए कुछ चीजों का दान करना लाभकारी माना जाता है। इसलिए आज के दिन काजल, तांबूल, जीरा, लौंग, गन्ना, कुमकुम आदि का दान करना चाहिए। मान्यता है कि आज के दिन इन चीजों का दान करने से रिश्तें में मजबूती आती है। इसके साथ ही गृह-क्लेश से छुटकारा मिल जाता है।
करवा चौथ के खास मौके पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चंद्रोदय (Chandrodaya) होते ही चंद्रदेव को अर्घ्य देने बाद व्रत खोलती हैं। इस खास मौके पर आप भी अपनों को इस मैसेज, तस्वीरों के द्वारा भेज सकते हैं शुभकामनाएं।
करवा चौथ (Karwa Chauth) पर भगवान शिव, पार्वती, गणेश जी के साथ चंद्रमा की पूजा करने का विधान है। इस दिन पूजा करने के साथ पीतल या मिट्टी के टोटी वाले करवा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही टोटी में कांस की सींक लगाई जाती है। बता दें कि सींक को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही करवा को श्री गणेश से संबंधित है।
करवा चौथ के दिन निर्जला व्रत रखने के भगवान शिव-पार्वती की पूजा करने के साथ करवा माता की पूजा की जाती है। इसके साथ ही पूजा के समय ॐ शिवायै नमः, ॐ नमः शिवाय, ॐ षण्मुखाय नमः, ॐ गणेशाय नमः, ॐ सोमाय नमः मंत्र का जाप करें। इन मंत्रों का जाप करने से शिव -पार्वती जी के साथ भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
बता दें कि नोएडा में चांद निकलने का समय 08 बजकर 14 मिनट है,। जबकि दिल्ली में एक मिनट की देरी के साथ रात 8 बजकर 15 मिनट पर चंद्रोदय होगा। इसके बाद व्रती महिलाएं चंद्रमा देखकर अपना व्रत खोल सकती हैं।
अन्य शहरों में किस समय निकलेगा चांद, जानने के लिए क्लिक करें
बहुत पुरानी बात है कि एक नगर में एक साहूकार रहता था। जिसके साथ बेटे और एक बेटी थी। बेटी का नाम करवा था। अपनी प्यारी बेटी की धूमधाम से शादी करके उसे ससुराल के लिए विदा कर दिया। भाई अपनी बहन से बहुत ही प्यार करते थे। एक बार की बात है कि बहन अपने ससुराल से मायके आई हुई थी। जहां उसने अपनी भाभियों के साथ मिलकर करवा चौथ का व्रत रखा। लेकिन शाम होते-होते वह भूख से व्याकुल हो उठी। सभी भाई को उसकी ये हालत देखी नहीं गई, क्योंकि चंद्रमा निकलने पर अभी काफी समय था। उन्होंने अपनी बहन से पानी पीने के लिए कहा, तो उसने कहा कि चांद निकलने के बाद ही वह खा पी सकती हैं। ऐसे में सभी भाई काफी व्याकुल हो गए। ऐसे में सबसे छोटे भाई को रहा नहीं गया। उसने दूर पीपल के पेड़ पर एक दीपक जलाकर चलनी की ओट में रख दिया। दूर से देखने पर वह चांद जैसा प्रतीत हो रहा था। इसके बाद भाई अपनी बहन को बताता है कि देखो चांद निकल आया है, तुम उसे अर्घ्य देकर भोजन कर सकती हो। बहन ने खुशी से चांद को देखा और उसे अर्घ्य दे दिया।
अगर कुंवारी कन्याएं करवा चौथ का व्रत रख रही हैं, तो संध्याकाल में चंद्रदेव को अर्घ्य देने के साथ-साथ उनके इन नामों का जाप अवश्य करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
1. ॐ द्युतिलकाय नमः
2.ॐ द्विजराजाय नमः
3. ॐ ग्रहाधिपाय नमः
4. ॐ ग्रसितार्काय नमः
5. ॐ ग्रहमंडलमध्यस्थाय नमः
6. ॐ मेरुगोत्रप्रदक्षिणाय नमः
7. ॐ दांताय नमः
8. ॐ महेश्वरप्रियाय नमः
9. ॐ वसुसमृद्धिदाय नमः
10. ॐ विवस्वन्मंडलाग्नेयवासाय नमः
11. ॐ दिव्यवाहनाय नमः
12. ॐ चतुराय नमः
13. ॐ चतुरश्रासनारूढाय नमः
14. ॐ अव्ययाय नमः
15. ॐ कर्कटप्रभुवे नमः
16. ॐ करुणारससंपूर्णाय नमः
17. ॐ प्रियदायकाय नमः
18. ॐ अत्यंतविनयाय नमः
19. ॐ आत्रेयगोत्रजाय नमः
20. ॐ नयनाब्जसमुद्भवाय नमः
21. ॐ कुंदपुष्पोज्वलाकाराय नमः
22. ॐ धनुर्धराय नमः
23. ॐ दंडपाणये नमः
24. ॐ दशाश्वरथसंरूढाय नमः
25. ॐ श्वॆतगंधानुलेपनाय नमः
26. ॐ श्वेतमाल्यांबरधराय नमः
27. ॐ सितभूषणाय नमः
28. ॐ सितांगाय नमः
29. ॐ सितच्छत्रध्वजोपेताय नमः
30. ॐ सनकादिमुनिस्तुताय नमः
31. ॐ सर्वज्ञाय नमः
32. ॐ सर्वागमज्ञाय नमः
33. ॐ साधुवंदिताय नमः
34. ॐ स्ॐयजनकाय नमः
35. ॐ सकलार्तिहराय नमः
36. ॐ भुवनप्रतिपालकाय नमः
37. ॐ भव्याय नमः
38. ॐ भूच्छायाच्छादिताय नमः
39. ॐ निरामयाय नमः
40. ॐ निर्विकाराय नमः
41. ॐ निराहाराय नमः
42. ॐ निस्सपत्नाय नमः
43. ॐ जगदानंदकारणाय नमः
44. ॐ जगत्प्रकाशकिरणाय नमः
45. ॐ भवबंधविमोचनाय नमः
46. ॐ भक्तिगम्याय नमः
47. ॐ भायांतकृते नमः
48. ॐ सागरोद्भवाय नमः
49. ॐ सर्वरक्षकाय नमः
50. ॐ सामगानप्रियाय नमः
एक चौकी में भगवान शिव, पार्वती और गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। इसके बाद करवा का चित्र भी रख लें। इसके बाद भगवान शिव को सफेद चंदन, फूल, माला, भोग आदि लगाएं। इसके साथ ही मां पार्वती को सिंदूर, रोली, कुमकुम, चुनरी, सोलह श्रृंगार के साथ गणेश जी की पूजा कर लें। इसके बाद घी का दीपक, धूप जलाकर करवा चौथ व्रत कथा कर लें। इसके बाद मिट्टी या पीतल का टोंटीदार करवा लें। संपूर्ण करवा चौथ की पूजा जानने के लिए करें क्लिक- Karwa Chauth 2023: करवा चौथ आज, जानें मुहूर्त, पूजा विधि और चांद निकलने का सही समय
विश्वास और प्रेम का प्रतीक करवा चौथ का व्रत का विशेष महत्व है। इस दौरान कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। लेकिन महिलाओं को होने वाली मासिक धर्म के कारण पूजा और अनुष्ठान में शामिल होने की मनाही होती है। ऐसे में अगर करवा चौथ के दौरान मासिक धर्म हैं, तो वह व्रत रख सकती हैं। इसका नकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ेगा। लेकिन विधिवत पूजा न करें। बस चंद्रमा को देखकर श्रद्धा के साथ मन ही मन अर्चना करें। इसके बाद पानी पीकर व्रत खोल लें।
नई दिल्ली- रात 8 बजकर 15 मिनट
चंडीगढ़ - रात 8 बजकर 10 मिनट
जम्मू- रात 8 बजकर 12 मिनट
नोएडा- रात 8 बजकर 14 मिनट
लखनऊ- रात 8 बजकर 5 मिनट
गाज़ियाबाद- रात 8 बजकर 14 मिनट
मेरठ - रात 8 बजकर 12 मिनट
मुंबई - रात 8 बजकर 59 मिनट
पटना- रात 7 बजकर 51 मिनट
वाराणसी - रात 8 बजे
भोपाल - रात 8 बजकर 29 मिनट
वाराणसी- रात 8 बजकर 26 मिनट
करवा चौथ पर शुभ मुहूर्त पर पूजा करना शुभ माना जाता है। ऐसे में राहुकाल सहित अन्य अशुभ योगों के बारे में जानना बेहद जरूरी है।
करवा चौथ का अशुभ समय
राहुकाल- 01:27 PM - 02:50 PM
दुष्टमुहूर्त- 10:14 AM - 10:58 AM
कंटक - 02:39 PM - 03:23 PM
यमघण्ट- 07:17 AM - 08:01 AM
कुलिक- 10:14 AM - 10:58 AM
कालवेला या अर्द्धयाम - 04:07 PM - 04:51 PM
यमगण्ड - 06:33 AM - 07:56 AM
गुलिक काल- 09:18 AM - 10:41 AM
आज देशभर में करवा चौथ धूमधाम से मनाया जा रहा है। आज के दिन चांद को अर्घ्य देने के साथ ही व्रत खुलता है। अगर आप भी व्रत रख रही हैं, तो पूजन करने से पहले पूरी सामग्री एकत्र कर लें, जिससे पूजा के समय किसी भी प्रकार का विघ्न न पड़ें।