हिंदू धर्म में हर एक मास का अलग-अलग महत्व है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल का तीसरा माह ज्येष्ठ मास को कहा जाता है। इसे जेठ मास भी कहते हैं। बता दें कि इस साल 6 मई से शुरू होकर 4 जून तक ज्येष्ठ मास रहेगा। यह मास काफी खास होता है, क्योंकि इस मास शनि भगवान का जन्म हुआ था। इसके अलावा इसी माह में भगवान हनुमान पहली बार अपने प्रभु श्री राम से मिले थे। इसके अलावा इस मास भगवान सूर्य और मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करने के विधान है। लेकिन कुछ ऐसे काम है जिन्हें जेठ मास में बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए। मान्यता है कि इन कामों को करने से मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और धन हानि के साथ पैसों की तंगी का सामना करना पड़ सकता है। जानिए ज्येष्ठ मास के दौरान क्या न करें गलतियां।

ज्येष्ठ मास का महत्व

हिंदू धर्म में इस माह का विशेष महत्व है। ज्येष्ठ के स्वामी मंगल है। इस ग्रह को साहस, शौर्य का प्रतीक माना जाता है। इसके साथ ही भगवान विष्णु के प्रिय मास में से एक माह जेठ भी है। इसके साथ ही इस मास में पहली बार भगवान हनुमान श्री राम से मिले थे। इसी के कारण ज्येष्ठ मास में पड़ने वाले हर मंगलवार को बड़ा मंगल या बुढ़वा मंगल के नाम से जानते हैं।

ज्येष्ठ मास के दौरान न करें ये गलतियां

  • माना जाता है कि ज्येष्ठ मास में बैंगन का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि ऐसे दोष लगता है और रोग उत्पन्न होता है। इसके साथ ही संतान के लिए अशुभ होता है।
  • ज्येष्ठ मास के दौरान दिन के समय बिल्कुल भी नहीं सोना चाहिए, इससे व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से ग्रस्त हो जाता है।
  • इस मास शरीर में तेल नहीं लगाना चाहिए। इसके अलावा तिल का दान करने से अकाल मृत्यु से बचा जा सकता है।
  • इस माह में परिवार के बड़े पुत्र या पुत्री का विवाह नहीं करना चाहिए। इसका अशुभ फल प्राप्त हो सकता है।
  • ज्येष्ठ मास के दौरान अधिक मसालेदार भोजन करने से बचना चाहिए। इस मास हल्का और सादा भोजन करें।
  • ज्येष्ठ माह में कभी किसी प्यासे व्यक्ति को बगैर पानी पिलाए नहीं भेजना चाहिए। ऐसे में अगर आपके घर में कोई अतिथि आए, तो इसे जरूर पानी पिलाएं।