Jwalamukhi Yog: हिंदू धर्म में किसी भी काम को शुरू करने से लेकर मांगलिक कार्यों में शुभ और अशुभ योगों का जरूर ध्यान रखा जाता है, जिससे कि भविष्य में किसी समस्या का सामना न करना पड़ें। ग्रह, तिथि और नक्षत्रों की स्थिति में परिवर्तन से कई तरह के शुभ और अशुभ योगों का निर्माण होता है। इन्हीं अशुभ योगों में से एक है ‘ज्वालामुखी योग’। यह सबसे खतरनाक योगों में से एक माना जाता है। इस अशुभ योग को लेकर मान्यता है कि अगर किसी शुभ या मांगलिक काम में इस योग की साया भी पड़ जाए, तो उसमें जरूर कोई न कोई परेशानी या कष्ट का सामना करना पड़ सकता है। जानिए ज्वालामुखी योग कब रहा है और इसका क्या होता है प्रभाव।
कब बन रहा है ज्वालामुखी योग 2023?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 जून 2023 की सुबह 3 बजकर 23 मिनट से ज्वालामुखी योग लग जाएगा, जो 6 बजकर 38 मिनट पर समाप्त भी हो जाएगा।
5 जून को क्यों लग रहा है ज्वालामुखी योग?
हिंदू पंचांग के अनुसार, 5 जून को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि है। इसके साथ ही मूल नक्षत्र है। इस दिन प्रतिपदा तिथि सुबह 6 बजकर 38 मिनट तक है।
कब बनता है ज्वालामुखी योग?
ज्वालामुखी योग एक अशुभ योग है, जो तिथि, नक्षत्र और योग के कारण बनता है। जिस दिन प्रतिपदा तिथि पर मूल नक्षत्र भी हो, तो यह योग बनता है। इसके अलावा पंचमी तिथि को भरणी नक्षत्र, अष्टमी तिथि को कृतिका नक्षत्र, नवमी तिथि को रोहिणी नक्षत्र और दशमी तिथि को आश्लेषा नक्षत्र हो, तो ज्वालामुखी योग बनता है।
ज्वालामुखी योग का अशुभ प्रभाव
- माना जाता है कि इस अशुभ योग में शादी-विवाह जैसे मांगलिक काम भी करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे दांपत्य जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए 5 जून को सुबह के समय कुछ घंटे के लिए ही ये योग लग रहा है। इसलिए उस दौरान शादी-विवाह से संबंधी कोई भी रिवाज करने से बचना चाहिए।
- अगर किसी बच्चे का जन्म ज्वालामुखी योग में हुआ है, तो कुंडली में अरिष्ट नाम खतरनाक योग लग जाता है।
- माना जाता है कि अगर किसी व्यक्ति को ज्वालामुखी योग में अस्पताल में भर्ती कराया जाए, तो वह लंबे समय तक उस बीमारी से ग्रसित रहता है।
- घर की नींव रखने से लेकर कुंआ खोदने तक की मनाही ज्वालामुखी योग में होती है। इस दौरान किए गए कार्यों में अशुभ फलों की प्राप्ति होती है।