Jivitputrika Vrat 2018, Shubh Muhurt, Puja Vidhi, Importance: हिंदू धर्म में जीवित्पुत्रिका व्रत का विशेष महत्व बताया गया है। जीवित्पुत्रिका व्रत को जितिया नाम से भी जाना जाता है। यह व्रत कुल तीन दिन तक चलता है। जीवित्पुत्रिका व्रत के दूसरे दिन महिलाएं पूरे दिन और पूरी रात एक बूंद भी जल ग्रहण नहीं करती हैं। बता दें कि जीवित्पुत्रिका व्रत मुख्य रूप से संतान की मंगल कामना के लिए किया जाता है। इस व्रत से महिलाएं अपनी संतान की रक्षा और उसकी लंबी उम्र की इच्छा को व्यक्त करती हैं। जीवित्पुत्रिका व्रत को लेकर उत्तर भारत में विशेष उत्साह पाया जाता है। दिलचस्प बात यह है कि जीवित्पुत्रिका व्रत उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा नेपाल के भी कई हिस्सों में भी बड़ी श्रद्धाभाव से किया जाता है।

शुभ मुहूर्त: हिंदू कैलेंडर के मुताबिक जीवित्पुत्रिका व्रत अश्विन माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी से नवमी के बीच होता है। इस साल यह व्रत 1 अक्टूबर, दिन सोमवार से आरंभ होकर 3 अक्टूबर, दिन बुधवार तक चलेगा। जीवित्पुत्रिका व्रत का मुख्य दिन 2 अक्टूबर, दिन मंगलवार को है।

अष्‍टमी तिथि प्रारंभ: 2 अक्‍टूबर 2018 की सुबह 04 बजकर 09 मिनट।

अष्‍टमी तिथि समाप्‍त: 2 अक्‍टूबर 2018 को दोपहर 02 बजकर 17 मिनट।

पूजा विधि: जीवित्पुत्रिका व्रत की एक खास पूजा विधि बताई गई है। जीवित्पुत्रिका व्रत के दूसरे दिन उपवास रखने का विधान है। इस उपवास को बहुत ही जरूरी और फलदायी माना गया है।

पहले दिन: जीवित्पुत्रिका व्रत के पहले दिन को नहाय-खाय कहा जाता है। इस दिन महिलाएं सुबह जल्दी स्नान करती हैं। इसके बाद एक बार भोजन करती हैं और दिन भर बिना कुछ खाए रहती हैं।

दूसरे दिन: जीवित्पुत्रिका व्रत के दूसरे दिन को खुर जितिया के नाम से जाना जाता है। इस दिन महिलाएं एक बूंद भी पानी नहीं पीतीं।

तीसरे दिन: इस व्रत का तीसरा दिन पारण का होता है। इस दिन महिलाएं व्रत का पारण करने के बाद ही भोजन ग्रहण करती हैं।