जया किशोरी (Jaya Kishori) ने छोटी-सी उम्र में ही काफी प्रसिद्धी हासिल कर ली है। वह एक जानी-मानीं कथावाचिका हैं। उनकी कथाएं और भजन अक्सर सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं। उनके भक्तों की तादाद लाखों में है। उनकी कथाएं और भजनों को देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी काफी पसंद किया जाता है।

राजस्थान के एक ब्राह्मण परिवार में जन्मीं जया किशोरी तब सुर्खियों में आईं, जब उन्होंने केवल 9 साल की उम्र में शिव-तांडव स्त्रोत्म, रामाष्टकम्, लिंगाष्टकम् समेत कई स्त्रोतों का वाचन किया।

‘श्रीमद भगवत् कथा’ और ‘नानी बाई रो मायरा’ की कथा वाचिका जया किशोरी एक मॉटिवेशनल स्पीकर भी हैं। 25 साल की जया किशोरी से जब इंटरव्यू में पूछा गया कि आपका कोई दोस्त है या फिर आप भजन-कथा में ही मगन रहती हैं? इस पर वह कहती हैं, “मेरा एक ग्रुप है दोस्तों का। कॉलेज में तो मैं नहीं कहूंगी क्योंकि मैंने कॉलेज लाइफ इतनी अटेंड नहीं की है। पर मेरे स्कूल के दोस्त हैं, जो अभी भी मेरे काफी करीब हैं।”

संस्कार टीवी को दिए इस इंटरव्यू में जया किशोरी आगे कह रही हैं, “और हम एक-दो दिन में ग्रुप चैट के जरिए बात करते रहते हैं। क्योंकि अब सबकी जिंदगी बदल गई है। जब काम कर रहे हैं। अलग-अलग शहरों में है हर कोई। तो फिर ये फोन कॉल और वीडियो कॉल ही हैं, जो आपको बांधे रख रहे हैं। अभी भी हम एक-दो दिन में बात करते रहते हैं।

 

वह आगे कह रही हैं, “एक-दूसरे की जिंदगी के बारे में जानते रहते हैं। इस दौरान गपशप तो होती ही है। क्योंकि अब सब अलग-अलग हैं, सबकी जिंदगी में बहुत-सी चीजें हो रही हैं। नई-नई चीजें हैं, बातें हैं, जिनको लेकर गपशप आए दिन होती रहती हैं। काम को लेकर भी अक्सर बातें होती रहती हैं। तो मेरे भी काफी दोस्त हैं।”

बता दें कि एक इंटरव्यू के दौरान जया किशोरी ने बताया था कि उनके घर के बड़ों को उनका बाहर जाना पसंद नहीं था। उन्होंने बताया था कि आमतौर पर भी लड़कियों का बाहर निकलना लोगों को जल्दी रास नहीं आता है। इस कारण उनके माता-पिता को परिवारवाले काफी सुनाते थे।

क्या जया किशोरी को सचमुच नहीं आता खाना बनाना? बताई पूरी बात