Jaya Kishori: जया किशोरी प्रसिद्ध कथावाचिका हैं। उन्हें देश-विदेश में कथाओं के लिए जाना जाता है। खासतौर पर ‘नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भागवत कथा’ के लिए जया किशोरी को बहुत पसंद किया जाता है।
शुरुआती समय में जया किशोरी सिर्फ कथावाचन किया करती थीं, लेकिन कुछ साल पहले से वो लाइफ मैनेजमेंट टिप्स ओरेटर और मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर भी जानी जाती हैं। उनके अनुयायी जया किशोरी की मोटिवेशनल स्पीच और विचारों को बहुत पसंद करते हैं। किशोरी जी समय-समय पर अपने ऑफिशियल इंस्टाग्राम प्रोफाइल पर भी अपने विचार शेयर करती रहती हैं।
जया किशोरी (Jaya Kishori) ने हाल ही में अपना एक कोट शेयर किया। इस कोट में बताया गया है कि – ‘वह जो दूसरों से ईर्ष्या करता है, उसे मानसिक शांति नहीं मिलती है।’ इस कोट के माध्यम से किशोरी जी बताती हैं कि जो व्यक्ति दूसरों से हमेशा ईर्ष्या करता रहता है, वह व्यक्ति जीवन में कभी भी मानसिक शांति और सुख का अनुभव नहीं कर पाता है। क्योंकि ऐसे व्यक्ति को जीवनभर इसी बात की चिंता सताती रहती है कि उस व्यक्ति के पास इतनी संभावनाएं और अवसर हैं जबकि मेरे पास इतने कम अवसर और संभावनाएं हैं।
कहा जाता है कि ईर्ष्या का भाव व्यक्ति के मन में तुलना लेकर आता है। ऐसे में व्यक्ति हमेशा अपनी तुलना दूसरे लोगों और उनकी सफलताओं से करता रहता है। माना जाता है कि ऐसे व्यक्ति का जीवन दुखी होते हुए ही बीत जाता है। कहते हैं कि दूसरों से ईर्ष्या करने वाले लोग कभी अपनी खुशियों का जश्न मना ही नहीं पाते हैं। उन्हें हमेशा ये ही डर सताता रहता है कि दूसरा व्यक्ति उनसे ज्यादा सुख-सुविधाओं को प्राप्त कर रहा है। इसलिए वह अपने पास उपलब्ध सुख-सुविधाओं का भी आनन्द नहीं ले पाते हैं।
जया किशोरी यह मानती हैं कि किसी भी व्यक्ति को दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए। क्योंकि ईर्ष्या करने वाला व्यक्ति हमेशा मानसिक अशांति महसूस करता है और सुखी नहीं रह पाता है। हमेशा यह कोशिश करें कि आपके पास जो भी है, जैसा भी है आप उसमें प्रसन्न रहें और उससे बेहतर कुछ प्राप्त करने के लगातार प्रयास करते रहें।