Jaya Kishori Motivational Speech: जया किशोरी न सिर्फ एक प्रसिद्ध कथावाचिका हैं, बल्कि उन्हें लाइफ मैनेजमेंट और मोटिवेशनल स्पीच के लिए भी जाना जाता है। देश-विदेश में ‘नानी बाई रो मायरा’ और ‘श्रीमद्भागवत कथा’ के लिए जया किशोरी को पहचाना जाता है। वो समय-समय पर विभिन्न विषयों पर अपने विचार सांझा करती रहती हैं।

कुछ समय पहले जया किशोरी ने बताया कि व्यक्ति के जीवन में एक समय ऐसा आता है जब उसे महसूस होता है कि वह चारों ओर से परेशानियों से घिर जाता है और उसे कोई उम्मीद की किरण नजर नहीं आती है। लोग ऐसे में यह समझ नहीं पाते हैं कि क्या करने से वो परेशानियों से बाहर आ सकते हैं।

इस बारे में बताते हुए जया किशोरी एक कथा सुनाती हैं, एक पिता अपने बच्चे से वादा करते हैं कि वो शाम को काम से आकर उसके साथ खेलेंगे लेकिन जब वो शाम को घर लौटते हैं तो उन्हें ऑफिस का काम होता है। इसलिए वो बच्चे के साथ खेलने को मना कर देते हैं। बच्चा अपने पिता से खेलने की जिद्द करता है। अपने बच्चे की जिद्द मानते हुए वो एक किताब का पन्ना फाड़कर उसके छोटे टुकड़े कर उस बच्चे को दे देते हैं और कहते हैं कि जाओ इस पर बनी दुनिया की तस्वीर को दोबारा जोड़कर लाओ।

पिता सोचते हैं कि बच्चे को इस काम को करने में बहुत समय लगेगा और वो इतनी देर में अपने ऑफिस का काम पूरा कर लेंगे। लेकिन ऐसा नहीं होता है। बच्चा बहुत थोड़े समय में तस्वीर जोड़कर ले आता है। इतनी जल्दी इतने जटिल काम को पूरा कर लेने पर उसके पिता बहुत हैरान होते हैं और बच्चे से पूछते हैं कि उसने इतना मुश्किल काम इतनी जल्दी कैसे कर लिया। इसका जवाब देते हुए बच्चा कहता है कि यह काम बिल्कुल भी मुश्किल नहीं था, बल्कि यह तो बहुत आसान और मजेदार काम था।

इस कथा को सुनाकर किशोरी जी कहती हैं कि परेशानियों से निजात पाने में सारा खेल नजरिए का है। जब हमें कोई काम आसान लगता है तो हम उसे बहुत जल्द और बहुत आसानी से कर लेते हैं। जबकि जो काम जटिल लगता है, उससे सिर्फ परेशान होते रहते हैं और उसका सॉल्यूशन नहीं सोच पाते हैं। इसलिए हर काम को आसान समझकर उसका सॉल्यूशन ढूंढने की कोशिश करनी चाहिए।