Jaya Kishori Thoughts: कथावाचिका के रूप में जया किशोरी (Jaya Kishori Ji) ने कुछ ही समय में काफी ज्यादा प्रसिद्धि हासिल कर ली है। देश ही नहीं विदेशों में भी ‘श्रीमद् भागवत कथा’ और ‘नानी बाई का मायरा’ की कथा का पाठ करके वो चर्चा में रहती हैं। उनका असली नाम जया शर्मा है। उनके गुरु पंडित गोविंद राम मिश्र ने उनका नाम जया शर्मा से जया किशोरी रख दिया था। वे अपनी सफलता का श्रेय भगवान श्री कृष्ण के अलावा अपने माता-पिता को भी देती हैं। किशोरी जी की छोटी बहन का नाम चेतना शर्मा है। कथा वाचन के अलावा, जया किशोरी अपनी मोटिवेशनल स्पीच के लिए भी जानी जाती हैं।

रिश्तों से लेकर कामयाबी तक, जया किशोरी लोगों के कई उलझनों का समाधान बताती हैं। वो सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म इंस्टाग्राम पर बेहद एक्टिव हैं। वहां उन्हें तकरीबन 1.6 मिलियन लोग फॉलो करते हैं। न केवल उम्रदराज लोग बल्कि युवा भी जया किशोरी से आए दिन सवाल पूछते रहते हैं।

जया किशोरी युवा, प्रतिभा, सफलता, मेहनत संबंधी कई पोस्ट्स साझा करती हैं। प्रतियोगिता के इस दौर में हर कोई चाहता है कि वो कामयाबी की राह पर अग्रसर रहे। किशोरी जी मानती हैं कि मेहनत और लग्न से ही कोई व्यक्ति सफलता हासिल कर सकता है। उनका कहना है कि जिस व्यक्ति में जरा भी टैलेंट नहीं है, अगर वो भी दिन-रात सही दिशा में मन लगाकर मेहनत करे तो सफल हो सकता है।

इंस्टाग्राम पर अब तक साध्वी किशोरी कुल 2,262 पोस्ट्स शेयर कर चुकी हैं। 2 दिन पहले साझा किये अपने विचार में वो कहती हैं कि अगर किसी व्यक्ति में 2 गुण मौजूद होंगे तो वो रंक से राजा भी बन सकता है। किशोरी जी के मुताबिक जिस व्यक्ति में इच्छाशक्ति होती है और जो दृढ़ संकल्प करने में सक्षम हो, उसके लिए इस फासले को तय करना संभव है। इस पोस्ट को साढे 35 हजार से भी ज्यादा लोगों ने  लाइक किया है। वहीं, जया किशोरी के कई भक्तों ने इस पोस्ट पर कमेंट भी किया है।

 

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बता दें कि 9 साल की उम्र से ही जया किशोरी भगवान की कथाएं, स्तोत्र और भजन गाया करती थीं। उनका जन्म गौर ब्राह्मण परिवार में हुआ था, जहां बेहद भक्तिमय माहौल में  उनका पालन-पोषण हुआ। यही कारण है कि छोटी सी उम्र से ही रुद्राष्टकम, लिंगाष्टकम और मधुराष्टकम मुंह जुबानी याद हैं।