Krishna Janmashtami 2024 Puja Time Today, Muhurat Timing, Shri Krishna Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi: आज देशभर में जन्माष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि, रोहिणी नक्षत्र और आधी रात को को पड़ती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण जन्मोत्सव होता है। वहीं दिन भक्त भगवान की पूजा-अर्चना कर उनके नाम का उपवास रखते हैं, रात्रि के समय भगवान को स्नान आदि करा 56 भोग का प्रसाद लगाया जाता है। वहीं इस दिन श्री कृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल के रूप में उनकी मूर्ति का पूजन करना शुभ होता है।

Krishna Janmashtami 2024 ISKCON Vrindavan Mandir Darshan and Aarti Today: Read Here

इस बार जन्माष्टमी पर बहुत ही शुभ योग बन रहे हैं। जैसे योग भगवान कृष्ण के जन्म के समय बने थे वैसे ही योग इस बार भी बन रहे हैं। आइए जानते हैं पूजा का शुभ मुहूर्त, शुभ योग, पूजा सामग्री, विधि सहित अन्य जानकारी…

पढ़ें संपूर्ण श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

Live Updates
23:34 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण का बीज मंत्र

कान्हा के जन्मोत्सव के समय इस बीज मंत्र का जाप करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु अति प्रसन्न होते हैं और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है।

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:

23:14 (IST) 26 Aug 2024
कान्हा के जन्म के बाद कब खोलें व्रत (Janmashtami Paran Time)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कई भक्तगण व्रत रखते हैं। जानें किस समय व्रत का पारण करना होगा शुभ। शास्त्रों के अनुसार, व्रत रखने के बाद विधिवत तरीके से पारण करना जरूरी है। जानें जन्माष्टमी पर कब और कैसे करें व्रत का पारण

Krishna Janmashtami Vrat Parana Time 2024: जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण का जन्मोत्सव मनाने के बाद करें व्रत का पारण, जानें मुहूर्त और विधि

23:09 (IST) 26 Aug 2024
द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में शुरू हुई पूजा

द्वारका स्थित इस्कॉन मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी समारोह जारी है। जिसका वीडियो सामने आया है

23:01 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी के मौके पर मथुरा का भव्य श्रृंगार

कान्हा के जन्मोत्सव के मौके पर श्री कृष्ण की जन्मस्थली मथुरा को खूबसूरत तरीके से सजाया गया है। जिसके कई वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहे हैं…

22:52 (IST) 26 Aug 2024
मोर पंख से करें वास्तु दोष दूर

अगर आपके घर में वास्तु दोष है, तो कान्हा के जन्म के बाद मोर पंख की पूजा कर लें। इसके बाद इसे घर की पूर्व दिशा में रख दें। ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ जाएगी।

22:51 (IST) 26 Aug 2024
मोर पंख से करें वास्तु दोष दूर (Vastu Dosh Upay On Janmashtami 2024 )

अगर आपके घर में वास्तु दोष है, तो कान्हा के जन्म के बाद मोर पंख की पूजा कर लें। इसके बाद इसे घर की पूर्व दिशा में रख दें। ऐसा करने से घर में पॉजिटिव एनर्जी बढ़ जाएगी।

22:43 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पर पूजा का शुभ मुहूर्त

निशिता पूजा का समय: 26 अगस्त की रात 12 बजकर 06 मिनट, रात से 12 बजकर 51 मिनट, तक
पूजा अवधि: 45 मिनट
पारण समय: 27 अगस्त दोपहर 03 बजकर 38 मिनट पर
चंद्रोदय समय: रात 11 बजकर 20 मिनट पर

22:13 (IST) 26 Aug 2024
Krishna Janmashtami 2024 moon rising time-कृष्ण जन्माष्टमी के दिन चांद निकलने का समय 2024

नई दिल्ली जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:20 PM

नोएडा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:19 PM

गुरुग्राम जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:22 PM

गाजियाबाद जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:18 PM

मथुरा जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:21 PM

वृंदावन जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 11:21 PM

द्वारका में जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 10:35 PM

लखनऊ में जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 10:23 PM

पटना जन्माष्टमी चंद्रोदय समय 2024 10:56 PM

21:53 (IST) 26 Aug 2024
कान्हा के भोग में जरूर रखें तुलसी दल

भगवान श्रीकृष्ण की पूजा के समय जब भोग लगाएं, तो उसमें कुछ पत्ते तुलसी की अवश्य रखें। इसके बिना वह भोग ग्रहण नहीं करते हैं। तुलसी को विष्णु प्रिया कहा जाता है। इसलिए उनके अवतार श्री कृष्ण को भी तुलसी अति प्रिय है।

21:45 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी के उपाय (Janmashtami 2024 Upay)

आज राधा कृष्ण मंदिर जाकर भगवान कृष्ण को पीले रंग के फूल अर्पित करें। ऐसा करने से मां लक्ष्मी भी अति प्रसन्न होती हैं और पैसों की तंगी से छुटकारा मिल जाता है।

21:15 (IST) 26 Aug 2024
संतान प्राप्ति के लिए उपाय (Janmashtami 2024 Upay)

अगर आपको संतान की प्राप्ति में किसी न किसी प्रकार की अड़चन आ रही है,तो आज कृष्ण जन्माष्टमी के मौके पर श्री कृष्ण के बाल रूप की पूजा करें। ऐसा करने से संतान सुख की प्राप्ति हो सकती है।

20:55 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा (Krishna Janmashtami 2024 Vrat Katha in Hindi)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर लड्डू गोपाल की विधिवत पूजा करने के साथ 56 प्रकार का भोग लगाने के साथ-साथ झूला झुलाएं। इसके साथ ही अंत में इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करें।

पौराणिक कथाओं के अनुसार, द्वापर युग में भोजवंशी राजा उग्रसेन का मथुरा में शासन था। वह बड़े ही दयालु थे और प्रजा भी उनका काफी सम्मान करती थी। लेकिन उनका पुत्र कंस दुर्व्यसनी था और हमेशा अपनी प्रजा को किसी न किसी प्रकार से कष्ट देता था। जब उसके पिता को ये बात पता चली तो उनके पिता उग्रसेन ने उसे खूब समझाया। लेकिन कंस ने अपने पिता की बात मानने की बजाय उल्टा उन्हें ही गद्दी से उतार दिया और खुद ही मथुरा का राजा बन बैठा। कंस की एक बहन थी। जिसे वह अपनी जान से ज्यादा प्यार करता है। उनकी एक बात कहने से वह हर एक चीज को पूरा कर देता है। ऐसे ही कंस ने अपनी बहन  देवकी का विवाह वसुदेव नामक यदुवंशी सरदार के साथ धूमधाम से कर दिया। वह अपनी बहन को उसके ससुराल स्वयं रथ खींच कर पहुंचाने वाला था।

पूरी खबर के लिए क्लिक करें- श्री कृष्ण जन्माष्टमी व्रत कथा

20:40 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पूजा मुहूर्त 2024 (Janmashtami 2024 Muhurat)

कृष्ण जन्माष्टमी पूजा का मुहूर्त : रात 12 बजे से 12 बजकर 44 मिनट तक रहेगा।

व्रत का पारण – 27 अगस्त को सुबह 11 बजे तक किया जा सकेगा।

20:25 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी उपाय (Janmashtami 2024 Upay)

जन्माष्टमी के मौके पर लड्डू गोपाल को विधिवत पूजा करने के साथ-साथ दूध, सूखे मेवे, चीनी और मावे से बनी मिठाइयां उन्हें अर्पित करते हैं।

20:08 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण जन्माष्टमी पूजा विधि (Shri Krishna Janmashtami Puja Vidhi)

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की आधी रात को कान्हा का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। अगर आप मंत्रों के जाप पूजा नहीं कर सकते हैं, तो आसान तरीके से पूजा कर सकते हैं। इससे भी कान्हा अति प्रसन्न होंगे। सबसे पहले एक बड़े पात्र में कान्हा की मूर्ति रख लें। इसके बाद दक्षिणावर्ती शंख में केसर युक्त दूध भर लें। इसके बाद इसी से स्नान कराएं। इसके अलावा पंचामृत, दूध, दही, शहद, नारियल पानी आदि से भी भगवान को स्नान कराएं। अंत में शुद्ध जल तुलसी दल डालकर स्नान करा दें। इसके बाद कान्हा को वस्त्र, आभूषण, फूल, माला, पीला चंदन, गुलाल, मोर पंख आदि लगाएं। इसके बाद भोग में धनिया की पंजीरी, माखन-मिश्री, तुलसी दल आदि से भोग लगाएं। इसके साथ कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें। फिर धूप-दीप जलाकर आरती करें।

19:49 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी उपाय (Janmashtami 2024 Uay)

जन्माष्टमी के मौके पर श्रीकृष्ण को पान का पत्ता अवश्य अर्पित करें। इसके बाद अगले दिन इस पत्ते पर रोली से श्री यंत्र लिखकर धन वाले स्थान में रख लें। ऐसा करने से पैसों की तंगी से छुटकारा मिलेगा।

19:37 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण के अन्य नाम

जन्माष्टमी के मौके पर श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ इन नामों का जाप करें। श्री कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्ण जन्माष्टमी, कृष्णाष्टमी, गोकुलाष्टमी, कन्हैया अष्टमी, कन्हैया आठें, श्री कृष्ण जयंती, श्रीजी जयंती

19:27 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पर खीरे का ऐसे करें नाल छेदन

भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के समय खीरा से डंठल काटने की विधि को नाल छेदन के नाम से भी जाना जाता है। कान्हा के जन्म के समय विधिवत पूजा करने के साथ खीरे की डंठल को सिक्के से काटा जाता है। माना जाता है कि ऐसा करने से मां देवकी और बाल गोपाल से जुड़ी नाल को काटते है। जैसे ही रात के 12 बजे वैसे ही एक सिक्के की मदद से ए खीरे और डंठल को बीच से काटकर अलग कर दें।

19:12 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पर करें श्री कृष्ण भजन (Janmashtami 2024 Krishna Bhajan)

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।

हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥

जय हो नंदलाल की,जय यशोदा लाल की ।

गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

॥ आनंद उमंग भयो…॥

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

जय हो नंदलाल की, जय यशोदा लाल की ।

हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

बृज में आनंद भयो, जय यशोदा लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

कोटि ब्रह्माण्ड के, अधिपति लाल की ।

हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥

गौ चरने आये, जय हो पशुपाल की ।

गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

कोटि ब्रह्माण्ड के,अधिपति लाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

गौ चरने आये,जय हो पशुपाल की ।

नन्द के आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

पूनम के चाँद जैसी, शोभा है बाल की ।

हाथी घोडा पालकी, जय कन्हिया लाल की ॥

आनंद उमंग भयो, जय हो नन्द लाल की ।

गोकुल में आनंद भयो, जय कन्हिया लाल की ॥

19:00 (IST) 26 Aug 2024
मधुराष्टकं (Madhurashtakam)

मधुराष्टकं में श्रीकृष्ण के बालरूप को मधुरता का वर्णन किया गया है। प्रभु के परमप्रिय भक्त महाप्रभु श्रीवल्लभाचार्य जी को मधुराष्टकं रचना की है।

अधरं मधुरं वदनं मधुरं नयनं मधुरं हसितं मधुरं । हृदयं मधुरं गमनं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥१॥

वचनं मधुरं चरितं मधुरं वसनं मधुरं वलितं मधुरं । चलितं मधुरं भ्रमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥२॥

वेणुर्मधुरो रेणुर्मधुरः पाणिर्मधुरः पादौ मधुरौ । नृत्यं मधुरं सख्यं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥३॥

गीतं मधुरं पीतं मधुरं भुक्तं मधुरं सुप्तं मधुरं । रूपं मधुरं तिलकं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥४॥

करणं मधुरं तरणं मधुरं हरणं मधुरं रमणं मधुरं । वमितं मधुरं शमितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥५॥

गुञ्जा मधुरा माला मधुरा यमुना मधुरा वीची मधुरा । सलिलं मधुरं कमलं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥६॥

गोपी मधुरा लीला मधुरा युक्तं मधुरं मुक्तं मधुरं। दृष्टं मधुरं सृष्टं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥७॥

गोपा मधुरा गावो मधुरा यष्टिर्मधुरा सृष्टिर्मधुरा । दलितं मधुरं फलितं मधुरं मधुराधिपते रखिलं मधुरं ॥८॥

18:47 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa)

मात-पिता की बन्दि छुड़ाई । उग्रसेन कहं राज दिलाई ॥ महि से मृतक छहों सुत लायो । मातु देवकी शोक मिटायो ॥

भौमासुर मुर दैत्य संहारी । लाये षट दश सहसकुमारी ॥ दै भिन्हीं तृण चीर सहारा । जरासिंधु राक्षस कहं मारा ॥

असुर बकासुर आदिक मारयो । भक्तन के तब कष्ट निवारियो ॥ दीन सुदामा के दुःख टारयो । तंदुल तीन मूंठ मुख डारयो ॥

प्रेम के साग विदुर घर मांगे । दुर्योधन के मेवा त्यागे ॥ लखि प्रेम की महिमा भारी । ऐसे श्याम दीन हितकारी ॥

भारत के पारथ रथ हांके । लिए चक्र कर नहिं बल ताके ॥ निज गीता के ज्ञान सुनाये । भक्तन ह्रदय सुधा वर्षाये ॥30

मीरा थी ऐसी मतवाली । विष पी गई बजाकर ताली ॥ राना भेजा सांप पिटारी । शालिग्राम बने बनवारी ॥

निज माया तुम विधिहिं दिखायो । उर ते संशय सकल मिटायो ॥ तब शत निन्दा करी तत्काला । जीवन मुक्त भयो शिशुपाला ॥

जबहिं द्रौपदी टेर लगाई । दीनानाथ लाज अब जाई ॥ तुरतहिं वसन बने ननन्दलाला । बढ़े चीर भै अरि मुँह काला ॥

अस नाथ के नाथ कन्हैया । डूबत भंवर बचावत नैया ॥ सुन्दरदास आस उर धारी । दयादृष्टि कीजै बनवारी ॥

नाथ सकल मम कुमति निवारो । क्षमहु बेगि अपराध हमारो ॥ खोलो पट अब दर्शन दीजै । बोलो कृष्ण कन्हैया की जै ॥40

॥ दोहा ॥

यह चालीसा कृष्ण का, पाठ करै उर धारि। अष्ट सिद्धि नवनिधि फल, लहै पदारथ चारि॥

18:41 (IST) 26 Aug 2024
श्री कृष्ण चालीसा (Shri Krishna Chalisa)

॥ दोहा॥

बंशी शोभित कर मधुर,नील जलद तन श्याम । अरुण अधर जनु बिम्बफल, नयन कमल अभिराम ॥

पूर्ण इन्द्र, अरविन्द मुख,पीताम्बर शुभ साज । जय मनमोहन मदन छवि,कृष्णचन्द्र महाराज ॥

॥ चौपाई ॥

जय यदुनन्दन जय जगवन्दन । जय वसुदेव देवकी नन्दन ॥ जय यशुदा सुत नन्द दुलारे । जय प्रभु भक्तन के दृग तारे ॥

जय नट-नागर नाग नथैया । कृष्ण कन्हैया धेनु चरैया ॥ पुनि नख पर प्रभु गिरिवर धारो । आओ दीनन कष्ट निवारो ॥

वंशी मधुर अधर धरी तेरी । होवे पूर्ण मनोरथ मेरो ॥ आओ हरि पुनि माखन चाखो । आज लाज भारत की राखो ॥

गोल कपोल, चिबुक अरुणारे । मृदु मुस्कान मोहिनी डारे ॥ रंजित राजिव नयन विशाला । मोर मुकुट वैजयंती माला ॥

कुण्डल श्रवण पीतपट आछे । कटि किंकणी काछन काछे ॥ नील जलज सुन्दर तनु सोहे । छवि लखि, सुर नर मुनिमन मोहे ॥10

मस्तक तिलक, अलक घुंघराले । आओ कृष्ण बांसुरी वाले ॥ करि पय पान, पुतनहि तारयो । अका बका कागासुर मारयो ॥

मधुवन जलत अग्नि जब ज्वाला । भै शीतल, लखितहिं नन्दलाला ॥ सुरपति जब ब्रज चढ़यो रिसाई । मसूर धार वारि वर्षाई ॥

लगत-लगत ब्रज चहन बहायो । गोवर्धन नखधारि बचायो ॥ लखि यसुदा मन भ्रम अधिकाई । मुख महं चौदह भुवन दिखाई ॥

दुष्ट कंस अति उधम मचायो । कोटि कमल जब फूल मंगायो ॥ नाथि कालियहिं तब तुम लीन्हें । चरणचिन्ह दै निर्भय किन्हें ॥

करि गोपिन संग रास विलासा । सबकी पूरण करी अभिलाषा ॥ केतिक महा असुर संहारयो । कंसहि केस पकड़ि दै मारयो ॥20

18:34 (IST) 26 Aug 2024
कान्हा की पूजा के बाद अवश्य करें आरती (Krishna Aarti)

श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर कान्हा की पूजा करने के बाद आरती अवश्य करें। माना जाता है कि आरती करने के पूजा पूर्ण हो जाती है। इसलिए घी का दीपक जलाने के साथ धूप जला लें। इसके बाद आरती कर लें।

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की

गले में बैजंती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।

श्रवण में कुण्डल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।

आरती कुंजबिहारी की, श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की॥

गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।

पूरी आरती के लिए क्लिक करें- श्री कृष्ण की आरती (Shri Krishna Aarti)

18:18 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी के बाद करें दक्षिणा का दान

तांबुल अर्पित रने के बाद अपनी श्रद्धा के अनुसार पैसे, रत्न आदि अर्पित करें और इस मंत्र का जाप करें।

हिरण्य गर्भ गर्भस्थ हेमबीज विभावसो:। अनन्त पुण्य फलदा अथ: शान्तिं प्रयच्छ मे। ॐ श्री कृष्णाय नम:। दक्षिणां समर्पयामि।

18:08 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पर राशिनुसार इन मंत्रों का करें जाप (Janmashtami 2024 Mantra)

जानें जन्माष्टमी के मौके पर अन्य राशियों के इन मंत्रों का जाप करें

तुला राशि – ‘ॐ बलभद्रप्रियनुजाय नमः’

वृश्चिक राशि – ‘ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः’

धनु राशि- ‘ॐ मधुराकृतये नमः’

मकर राशि- ‘ॐ गोपगोपीश्वराय नमः’

कुंभ राशि- ‘ॐ गोपालाय नमः’

मीन राशि- ‘ॐ जगन्नाथाय नमः’

17:52 (IST) 26 Aug 2024
जन्माष्टमी पर राशिनुसार इन मंत्रों का करें जाप (Janmashtami 2024 Mantra)

जन्माष्टमी के मौके पर श्री कृष्ण की विधिवत पूजा करने के साथ-साथ राशि के अनुसार इन मंत्रों का जाप करना चाहिए। इससे शुभ फलों की प्राप्ति होगी और घर में सुख-शांति, धन-वैभव आएगा

मेष राशि- ‘ॐ गोविंदाय नमः’

वृषभ राशि- ॐ अनंताय नमः’

मिथुन राशि- ‘ॐ अच्युताय नमः’

कर्क राशि – ‘ॐ माधवाय नमः’

सिंह राशि – ‘ॐ वासुदेवाय नमः’

कन्या राशि – ‘ॐ आदित्याय नमः’

17:42 (IST) 26 Aug 2024

भोग के बाद भगवान को जल समर्पित करें

भगवान को भोग लगाने के बाद आप जल समर्पित करते हुए इन मंत्रों का जप करें

तस्माद्विराडजायत विराजो अधि पूरुषः
स जातो अत्यरिच्यत पश्चाद्ध‌मिमथो पुरः
नमः सत्याय शुद्धाय नित्याय ज्ञान रूपिणे
गृहाणाचमनं कृष्ण सर्व लोकैक नायक
ॐ श्री बालकृष्णाय नमः। आचमनीयं समर्पयामि ।।

17:41 (IST) 26 Aug 2024
कान्हा को तांबूल चढ़ाते समय बोलें ये मंत्र

नैवेद्य चढ़ाने के बाद कान्हा को तांबूल यानी एक पान पर 2 लौंग, 2 इलायची, 1 सुपारी और बताशा या फिर एक टुकड़ा मिठाई डालकर एक तांबूल बनाकर भगवान कृष्ण को अर्पित करें। इसके साथ ही इस मंत्र को बोलें

ॐ पूंगीफ़लं महादिव्यं नागवल्ली दलैर्युतम्। एला-चूर्णादि संयुक्तं ताम्बुलं प्रतिगृहृताम। ॐ श्री कृष्णाय नम:। ताम्बुलं समर्पयामि।

16:55 (IST) 26 Aug 2024
नैवैद्य चढ़ाने के साथ बोलें ये मंत्र

जन्माष्टमी पर कान्हा को नैवैद्य चढ़ाएं और इस मंत्र को बोलें। नैवैद्य यानी भोग में माखन-मिश्री, धनिया की पंजीरी, मिठाई आदि अर्पित करें। साथ ही इस मंत्र को बोले।

शर्करा-खण्ड-खाद्यानि दधि-क्षीर-घृतानि च, आहारो भक्ष्य- भोज्यं च नैवैद्यं प्रति- गृहृताम। ॐ श्री कृष्णाय नम:। नैवद्यं समर्पयामि।

16:34 (IST) 26 Aug 2024
दीपक जलाते समय बोलें ये मंत्र

जन्माष्टमी पर श्री कृष्ण की पूजा करते समय दीपक जलाएं। इसके साथ ही इस मंत्र को बोलें

साज्यं त्रिवर्ति सम्युकतं वह्निना योजितुम् मया। गृहाण मंगल दीपं,त्रैलोक्य तिमिरापहम्। भक्तया दीपं प्रयश्र्चामि देवाय परमात्मने। त्राहि मां नरकात् घोरात् दीपं ज्योतिर्नमोस्तुते। ब्राह्मणोस्य मुखमासीत् बाहू राजन्य: कृत:। उरू तदस्य यद्वैश्य: पद्भ्यां शूद्रो अजायत। ॐ श्री कृष्णाय नम:। दीपं समर्पयामि।