Jagannath Rath Yatra 2022 Date: वैदिक पंचांग के मुताबिक, आज 14 जून 2022, मंगलवार को ज्येष्ठ पूर्णिमा है। इस दिन हर साल ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जगन्नाथ मंदिरों में भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व बड़े भाई बलदाऊ को स्नान कराने की परपंरा विधि-विधान से की जाती है। आपको बता दें कि इसके बाद तीनों को मंदिर के गर्भगृह में रखा जाता है और दूसरे दिन से गर्भगृह के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इसके बाद फिर 15 दिन बाद भगवान जगन्‍नाथ रथ पर सवार होकर भक्‍तों को दर्शन देने के लिए निकलते हैं। साथ ही आपको बता दें कि जगन्नाथ का अर्थ है जग के नाथ। भगवान जगन्नाथ श्री हरि विष्णु के अवतार श्री कृष्ण का ही रूप माने जाते हैं।

इस दिन निकाली जाएगी रथ यात्रा:
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा का उत्सव 1 जुलाई शुक्रवार के दिन शुरू होगा। इस रथ यात्रा में देश- विदेश से लाखों श्रद्धालु शामिल होने के लिए पहुंचते हैं। जगन्नाथ पुरी का मंदिर भारत के सबसे प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है। इस मंदिर का हिंदू धर्म में खास महत्व है। साथ ही धार्मिक ग्रंथों के अनुसार यहां भगवान श्री कृष्ण बलराम और उनकी छोटी बहन सुभद्रा की पूजा की जाती है। मान्यता है जो लोग इस रख यात्रा में शामिल होते हैं उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

जानिए क्या है धार्मिक महत्व:
पुरी में रथ यात्रा हर साल आषाढ़ शुक्लपक्ष द्वितीया को पुरी में आयोजित की जाती है। इस रथयात्रा में जो शामिल होता है उसे 100 यज्ञ करने का फल प्राप्त होता है। इस दिन महाप्रभु श्री जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने पहले प्रकट होने के पवित्र स्थान पर जाते हैं (जिसे श्री जगन्नाथ मंदिर से 4 किलोमीटर दूर गुंडिचा मंदिर कहा जाता है) और वहां सात दिन बिताते हैं।

आपको बता दें कि तीनों देवता तीन नए रथों पर सवार होते हैं। जिसको भक्त गण खींचते हैं। महाप्रभु श्री जगन्नाथ के रथ का नाम नंदीघोष है, सुभद्रा का रथ देवदलन है और बलभद्र का तालध्वज है। साथ ही स्‍कंद पुराण में स्पष्ट कहा गया है कि जो भी व्‍यक्ति रथयात्रा में शामिल होकर गुंडीचा नगर तक जाता है। वह जीवन-मरण के चक्र से मुक्‍त हो जाता है और उसे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।