बुधवार का संबंध बुध ग्रुह से है। बुधवार का व्रत, बुध ग्रह के देवता, भगवान विष्णु को समर्पित है। यह दिन भगवान कृष्ण एवं भगवान विट्ठल के लिए भी माना जाता है। ये दोनों ही भगवान विष्णु के अतवार हैं। ज्योतिष में बुध ग्रह के दयालु एवं उदार होने की बाती कही जाती है। बुध हमारी बुद्धि या ज्ञान को बढ़ाने में मदद करता है, व्यापार एवं नए सौदों में भी लाभ पहुंचाता है। लोग नई परियोजना एवं शिक्षा संबंधी कार्य की शुरुआत इस दिन करते है। शुभ दिन के रूप में इसे भाग्यशाली माना जाता है।
इस दिन का उपवास विवाहित दंपतियों द्वारा रखा जाता है, जिससे उनके पारिवारिक जिंदगी में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इस व्रत के दिन, व्रत रखने वाले दिन में एक समय शाम के बजाय दोपहर में ही भोजन करते हैं। बुधवार को प्रसाद में गुड़, दही और उबले चावल चढ़ाए जाते हैं।
बुधवार का व्रत काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। शांति, सुख, समृद्धि एवं ज्ञान के लिए यह व्रत किया जाता है। बुध ज्ञान, वाकपटुता को प्रभावित करता है। इसे ग्रहों का राजकुमार माना जाता है। बुध देवता को प्रसन्न करने के लिए उनका व्रत और पूजन किया जाता है, जिससे विद्या, ज्ञान, रोग से मुक्ति, उत्तम स्वास्थ्य, सुख-समृद्धि मिलती है और असंभव काम बनते हैं। इस व्रत के प्रताप से रोग से मुक्ति मिलती है।
इस दिन पैदा हुआ पुत्र बड़ा प्रतापी और बुद्धिमान होता है, जो पिता के असंभव कार्यों को भी सहज ही संभव बना देता है। जो मनुष्य 128 बुधवार के व्रत विधि-विधान के साथ श्रद्धा और विश्वास से पूरे करता है, वह बुध देव की कृपा से अत्याधिक बुद्धिमान और हर कार्य को करने में प्रवीण होता है। इस लोक के सभी एश्वर्य उन्हें भोगने को मिलते हैं। इसके अलावा अंत में वह देवलोक को प्राप्त होता है। इस व्रत की शुरुआत किसी शुक्ल पक्ष के बुधवार से करनी चाहिए।