हिंदू धर्म में तुलसी के पौधे का विशेष महत्व है। पवित्र पौधों में से एक तुलसी का पौधा अधिकतर हिंदू घरों में लगा मिल जाता है। माना जाता है कि तुलसी वास्तु के हिसाब से लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ जाता है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन -संपदा की प्राप्ति होती है। इसके साथ ही तुलसी का पौधा भगवान विष्णु को अतिप्रिय है और इसमें मां लक्ष्मी का भी वास होता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा भविष्य में आने वाली मुसीबतों का संकेत भी देता है और वह कई परेशानियों को अपने ऊपर भी ले लेता है। जिसके कारण लाख जतन करने के बाद भी उसे सूखने से बचा नहीं पाते हैं। कई बार बदलते मौसम, नियमित रूप से रखरखाव न कर पाने के कारण भी तुलसी का पौधा सूख जाती है। ऐसे में अगर तुलसी का पौधा सूख गया है, तो उसे किस दिन उखाड़ना शुभ होगा और किस तरह से उखाड़ने से सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। जानिए।

किस दिन उखाड़ना चाहिए तुलसी का पौधा?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, पूर्णिमा, अमावस्या, एकादशी, रविवार, सूतक, पितृपक्ष के दिन नहीं उखाड़ना चाहिए। इसके अलावा आप किसी भी दिन पौधे को हटा सकते हैं।

तुलसी का पौधा किस तरह उखाड़ना होगा शुभ?

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी के पौधे को अचानक से नहीं उखाड़ लेना चाहिए। बल्कि स्नान आदि करने के बाद थोड़ा सा जल डालना चाहिए, जिससे कि मिट्टी मुलायम हो जाए। इसके बाद मां लक्ष्मी और विष्णु जी का मनन करते हुए खुरपी आदि से मिट्टी हटाकर पौधे को निकाल लें। आप इसे बहते जल में प्रवाहित कर दें, क्योंकि इसे पवित्र पौधा माना जाता है। इसलिए कूड़े आदि में फेंकना वर्जित है।

तुलसी के पौधे को जल में न कर रहे हो प्रवाहित, तो करें ये काम

अगर आप बहते हुए जल में सूखी तुलसी के पौधे को प्रवाहित नहीं करना चाहते हैं, तो इसकी पत्तियों, लकड़ी से लेकर जड़ का पूरा इस्तेमाल कर सकते हैं।

  • अगर पौधे में सूखी पत्तियां है, तो पहले उन्हें एक साफ बर्तन या फिर कपड़े में निकाल लें। इन पत्तियों को ताजी पत्तियों के बदले में भगवान विष्णु और श्री कृष्ण को चढ़ा सकते हैं। इसके अलावा आप चाय आदि में इसे डाल सकते हैं।  
  • तुलसी के पौधे को निकालने के बाद उसकी जड़ों को निकाल लें। जड़ों को धोकर आप इस्तेमाल कर सकते हैं। जड़ों को आप घर के मुख्य द्वार में बांध सकते हैं। इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। इसके अलावा लाल कपड़े में करके इसे बाजू या गले में पहनने से ग्रह दोषों से निजात मिलती है। इसके साथ ही सुख-समृद्धि, धन-संपदा की प्राप्ति होती है।
  • तुलसी की लकड़ियों की बात करें, तो इन्हें आप छोटे-छोटे टुकड़े करके आहुति के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके अलावा छोटी सात तुलसी की लकड़ियां लेकर रूई या फिर सूत के धागों से चपेट दें और गाय के घी में डूबो दें। इसके बाद इसे दीपक में रखकर जला दें। ऐसा करने से व्यक्ति को हर क्षेत्र में सफलता मिलती है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।

तुलसी के गमले में न लगाएं कोई दूसरा पौधा

वास्तु शास्त्र के अनुसार, तुलसी का पौधा सूख जाने के बाद उखाड़ दें। इसके बाद इसमें दूसरा तुलसी का ही पौधा लगाएं। कभी भी दूसरा पौधा नहीं लगाना चाहिए। अगर आप तुरंत तुलसी का पौधा नहीं लगा रहे हैं, तो उसे गमले की पूजा रोजाना करते रहें। इसके साथ ही अगर मिट्टी बदलती है, तो इसे सम्मान के साथ कहीं अच्छी स्थान में डाल दें। कभी भी गंदगी वाली जगह में न फेंके।