ज्योतिष शास्त्र में राहु को एक पापी ग्रह माना जाता है क्योंकि यह ग्रह लोगों की जिंदगी में बाधाएं पैदा करता है। राहु भगवान भैरव का प्रतिनिधित्व करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में 12 राशियां और 9 ग्रहों का अध्ययन किया जाता हैं। कुंडली के अनुसार ही राहु जातक को शुभ और अशुभ फल देता है। अगर आपकी कुंडली में राहु दोष है तो इसके कारण मानसिक तनाव बढ़ सकता है। इसके अलावा आर्थिक नुकसान, मान, प्रतिष्ठा और धन-वैभव से भी व्यक्ति हाथ धो बैठता है।
बता दें, अगर कुंडली में राहु दोष हो तो इससे काल सर्प दोष का भी योग बनता है। वहीं अगर कुंडली में राहु मजबूत स्थिति में है तो यह रंक को भी राजा बना सकता है। मान्यता है कि राहु शनि ग्रह की तरह ही प्रभाव देता है। कुंडली में राहु की स्थिति अगर कमजोर है तो इसकी शांति के लिए उपाय करने चाहिए। इससे जिंदगी में आने वाले कष्टों में कमी आती है और परेशानियां दूर हो सकती हैं।
कुंडली में राहु दोष के प्रभाव: अगर कुंडली में राहु दोष है तो जातक की जिंदगी पर इसके बुरे प्रभाव पड़ते हैं। आर्थिक क्षति के साथ-साथ तालमेल में कमी और मानसिक तनाव जैसी समस्याएं होने लगती हैं। इसलिए जिस जातक की कुंडली में राहु दोष होता है तो उन्हें राहु के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए उपाय करने चाहिए।
राहु की शांति के उपाय: कुंडली में राहु दोष को दूर करने के लिए ‘राहु मंत्र’ का जाप करें। इसके अलावा ग्रह की अशुभ दशा से बचने के लिए बुधवार को जौ, सरसों, सिक्का, सात प्रकार के अनाज, नीले और भूरे रंग के कपड़े और कांच की वस्तुओं का दान करें। इसके अलावा राहु दोष की मुक्ति के लिए हाथ में गोमेद रत्न भी आप धारण कर सकते हैं।
कुंडली में राहु की शांति के लिए रोजाना अपने नहाने के पानी में शुद्ध चंदन का इत्र डालकर स्नान करें, इससे राहु शुभ प्रभाव देता है। इसके अलावा शिवलिंग पर गंगाजल चढ़ाने से भी कुंडली का राहु दोष कम होने लगता है।