Holashtak 2024 Date Time Niyam: देशभर में होली का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। होली से ठीक आठ या नौ दिन पहले से एक ओर पर्व मनाया जाता है जिसे होलाष्टक के नाम से जानते हैं। होलाष्टक पूरे आठ दिनों का होता है। इस दौरान किसी भी तरह के शुभ और मांगलिक कामों को करने की मनाही होती है। बता दें कि होलाष्टक फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से आरंभ होता है, जो पूर्णिमा को समाप्त होता है। जानें इस बार कब है होलाष्टक? साथ ही जानें महत्व और क्या करें और क्या नहीं।
कब से शुरू हो रहा होलाष्टक
होलाष्टक फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि यानी 17 मार्च से शुरू हो रहा है, जो फाल्गुन मास की पूर्णिमा यानी 24 मार्च के दिन समाप्त हो रहा है।
होलाष्टक तिथियां
होलाष्टक 2024 का पहला दिन : 17 मार्च, रविवार
होलाष्टक 2024 का दूसरा दिन : 18 मार्च, सोमवार
होलाष्टक 2024 का तीसरा दिन : 19 मार्च, मंगलवार
होलाष्टक 2024 का चौथा दिन : 20 मार्च, बुधवार
होलाष्टक 2024 का पांचवां दिन : 21 मार्च, गुरुवार
होलाष्टक 2024 का छठा दिन : 22 मार्च, शुक्रवार
होलाष्टक 2024 का सातवां दिन : 23 मार्च, शनिवार
होलाष्टक 2024 का आठवां दिन : 24 मार्च, रविवार
होलाष्टक में तप करना शुभ
होलाष्टक शुरू होने के साथ मांगलिक और शुभ कामों की मनाही हो जाती है। लेकिन जप तप करना काफी शुभ माना जाता है।
लगाया जाता है होलिका दहन का डंडा
होलाष्टक के दिन ही होलिका दहन वाले स्थान को गोबर, गंगाजल आदि डालकर लिपाई का जाती है। इसके साथ ही होलिका का डंडा रखा जाता है, जिससे बाद से उस जगह पर लकड़ी इकट्ठा करना शुरू हो जाता है।
होलाष्टक के दौरान न करें ये काम
- होलाष्टक के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक और शुभ कार्यों को करने की मनाही होती है।
- इस दौरान नए घर का निर्माण या फिर गृह प्रवेश नहीं किया जाता है।
- होलाष्टक के दौरान सोना-चांदी, वाहन आदि खरीदने की मनाही होती है।
- होलाष्टक के दौरान नया व्यापार या फिर कोई अन्य काम की शुरुआत नहीं की जाती है।
- होलाष्टक के दौरान शादी-विवाह, मुंडन-छेदन सहित अन्य 16 संस्कारों को करने की मनाही होती है।
होलाष्टक के दौरान करें ये काम
- होलाष्टक के दौरान पूजा पाठ, तप-ध्यान करना शुभ माना जाता है।
- होलाष्टक के दौरान हनुमान जी, भगवान विष्णु और नरसिंह भगवान की पूजा करने का विधान है।
- होलाष्टक के दौरान श्री सूक्त पाठ और मंगल ऋण मोचन स्त्रोत का पाठ करने से कर्ज से छुटकारा मिल जाता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
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