उत्तर भारत में हरतालिका तीज व्रत बड़े ही धूम धाम से सुहागिन महिलाओं के द्वारा मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए व्रत रखती हैं। और विधि विधान माता पार्वती और भगवान शंकर की पूजा करती है। इस साल यह त्यौहार 1 सितंबर को और कुछ जगह 2 सितंबर को मनाया जा रहा है। भादो मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को ये पर्व आता है। ये तिथि साल 2019 में 1 सितंबर को पड़ रही है जिस कारण इसी दिन व्रत रखना ज्यादा उचित बताया गया है। यहां जानिए हरतालिका तीज व्रत की आरती…

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हरतालिका तीज आरती –

जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
आरती ओवळीतें| ज्ञानदीपकळिके||
हर अर्धंगी वससी| जासी यज्ञा माहेरासी|
तेथें अपमान पावसी| यज्ञकुंडींत गुप्त होसी||
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
रिघसी हिमाद्रीच्या पोटी| कन्या होसी तू गोमटी|
उग्र तपक्ष्चर्या मोठी| आचरसी उठाउठी||
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
तापपंचाग्रिसाधनें| धूम्रपानें अधोवदनें|
केली बहु उपोषणें| शंभु भ्रताराकारणें||
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
लीला दाखविसी दृष्टी| हें व्रत करिसी लोकांसाठी|
पुन्हा वरिसी धूर्जटी| मज रक्षावें संकटीं||
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
काय वर्ण तव गुण| अल्पमति नारायण|
मातें दाखवीं चरण| चुकवावें जन्म मरण||
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
जय देवी हरतालिके| सखी पार्वती अंबिके|
आरती ओवळीतें| ज्ञानदीपकळिके||

हरतालिका तीज व्रत वाले दिन महिलाएं नए वस्त्र पहन अच्छे से श्रंगार कर व्रत करती हैं। हाथों में महंदी लगाती हैं। शाम के समय विधि विधान पूजा करती हैं। फिर इस दिन पूरी रात जागरण कर अगले दिन सुबह पूजा के बाद व्रत का पारण किया जाता है।