Hariyali Teej 2025 Vrat Parana Rules: सनातन धर्म में हरियाली तीज का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल यह व्रत आज यानृी 27 जुलाई को रखा जा रहा है। हिंदू मान्यता है इसी दिन भगवान शिव और मां पार्वती के पुनर्मिलन रूप में इस दिन को मनाया जाता है। वहीं, इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति के लिए व्रत रखती हैं। ऐसा माना जाता है कि इस पावन व्रत को करने पर उन्हें अखंड सौभाग्य का वरदान प्राप्त होता है। साथ ही, भगवान शिव और माता पार्वती की कृपा से उनके दांपत्य जीवन में प्रेम, सामंजस्य और खुशियां बनी रहती हैं। लेकिन अगर आप इस व्रत का पारण सही विधि से नहीं करेंगी तो व्रत का पूरा फल प्राप्त नहीं होगा, ऐसे में आइए जानते हैं कि कैसे हरियाली तीज व्रत का पारण करना चाहिए?
हरियाली तीज व्रत का पारण समय (Hariyali Teej 2025 Vrat Parana Rules)
वैदिक पंचांग के अनुसार, हरियाली तीज व्रत का पारण 27 जुलाई को सूर्यास्त के बाद किया जाएगा। इसके अलावा इस व्रत का पारण 28 जुलाई को चतुर्थी तिथि पर भी कर सकते हैं।
हरियाली तीज व्रत की विधि (Hariyali Teej 2025 Vrat Vidhi)
हरियाली तीज व्रत के दिन सुहागिन महिलाएं प्रातः स्नान करके स्वच्छ लाल या पीली साड़ी पहनें। इसके बाद 16 श्रृंगार करें। उसके बाद एक साफ स्थान पर भगवान शिव और माता पार्वती की प्रतिमा स्थापित करें। देवी पार्वती को 16 श्रृंगार समर्पित करते हुए धूप-दीप, नैवैद्य, मिठाई, फल, गंगाजल, बेलपत्र और पुष्प चढ़ाएं। फिर हरियाली तीज व्रत कथा का श्रद्धापूर्वक पाठ करें या सुनें। पूजा के समापन पर शिव-पार्वती की आरती करें और प्रसाद को सभी में बांटें।
हरियाली तीज व्रत के नियम (Hariyali Teej 2025 Vrat Niyam)
अगर आप हरियाली तीज का व्रत रखती हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस व्रत में जल का सेवन न करें। क्योंकि यह निर्जला रखा जाता है। इसके साथ ही, इस दिन हरे रंग की चूड़ियां और हरे रंग के कपड़े जरूर पहनें और 16 शृंगार करें। इस दिन मां पार्वती का शृंगार जरूर करें। इसके अलावा इस दिन झूठ बोलने, किसी से गुस्सा करने या मन में नकारात्मकता विचार न आने दें। कोई भी व्रत में दिन में सोना वर्जित माना जाता है। इसलिए दिन में सोने से आपको बचना चाहिए। हरियाली तीज पर काले कपड़े बिल्कुल भी न पहनें। वहीं, इस व्रत का पारण शुभ मुहूर्त ही करें।
हरियाली तीज का व्रत कैसे खोलें? (Hariyali Teej 2025 Vrat)
हरियाली तीज का व्रत खोलने से पहले भगवान शिव और मां पार्वती की विधिपूर्वक पूजा करें। साथ ही, भगवान सूर्य को जल अर्पित करें। इसके बाद व्रत खोलें।
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