Hariyali Teej 2025 Date: सावन मास आरंभ होने के साथ-साथ कई बड़े त्योहारों का आना आरंभ हो जाता है। ऐसे ही श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को तीज का पर्व मनाया जाता है, जिसे हरियाली तीज कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य के लिए व्रत रखने के साथ शिव -पार्वती जी की पूजा-अर्चना करती हैं। इसके साथ ही अविवाहित कन्याएं योग्य वर पाने के लिए ये व्रत रखती हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसके बाद इसी दिन भोलेनाथ ने माता पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकारा था। इसी के कारण इस दिन सुखी वैवाहिक जीवन के लिए व्रत रखा जाता है। इस साल हरियाली तीज की तिथि को लेकर थोड़ी सी असमंजस की स्थिति बनी हुई है। आइए जानते हैं हरियाली तीज की सही तिथि, मुहूर्त, सामग्री और सिंजारा के बारे में…
हरियाली तीज 2025 कब है? ( Hariyali Teej 2025 Date)
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि आरंभ- 26 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट से
श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि समाप्त- 27 जुलाई को रात 10 बजकर 41 मिनट पर
हरियाली तीज 2025 तिथि- 27 जुलाई 2025, रविवार
हरियाली तीज 2025 मुहूर्त (Hariyali Teej 2025 Muhurat)
ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04:46 से 05:30 मिनट तक।
प्रातः सन्ध्या: सुबह 05:08 से 06:14 मिनट तक।
अमृत काल: दोपहर 01:56 से 03:34 मिनट तक।
विजय मुहूर्त: दोपहर 02:55 से 03:48 मिनट तक।
गोधूलि मुहूर्त: शाम 07:16 से 07:38 मिनट तक।
सायाह्न सन्ध्या: शाम 07:16 से 08:22 मिनट तक।
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हरियाली तीज 2025 पारण का समय ( Hariyali Teej 2025 Paran Time)
हरियाली तीज का पारण 27 अगस्त को सूर्यास्त के बाद किया जा सकता है।
हरियाली तीज के एक दिन पहले आता है सिंजारा
हरियाली तीज के मौके पर विवाहित महिलाओं को उनके ससुराल पक्ष की ओर से सिंजारा आता है। इसमें पारंपरिक कपड़े, चूड़ियां, मेहंदी, सिंदूर, मिठाई के साथ अन्य चीजें होती है। इस दिन महिलाएं खासकर सुहाग का रंग यानी लाल रंग के कपड़े पहनती है। इसके साथ ही इस दिन हाथों में मेहंदी लगाने के साथ झूला झूलने की परंपरा है।
हरियाली तीज 2025 की संपूर्ण सामग्री (Hariyali Teej 2025 Samagri)
मिट्टी का एक कलश, गणेश जी की मूर्ति या तस्वीर, रेत या काली मिट्टी (माता पार्वती और शिवजी की मूर्ति) बनाने के लिए, लकड़ी का पाटा या चौकी,चौकी में बिछाने के लिए लाल या पीला कपड़ा, चौकी में चारों ओर बांधने के लिए केले के पत्ते 2-2 पत्ते, नारियल, सोलह श्रृंगार (चुनरी,काजल, मेहंदी, चूड़ी, सिंदूर, बिंदी, बिछिया, महावर, कंघी, शीशा आदि), मां पार्वती को चढ़ाने के लिए नई हरी साड़ी, शिव जी और गणेश जी के वस्त्र, फूल, बेलपत्र, केले का पत्ता, शमी पत्र, धतूरा फल, धतूरा के फूल, कलावा, अबीर, सफेद चंदन, कुमकुम, आक के फूल, एक जोड़ी जनेऊ, मौसमी फल, गाय की घी, सरसों तेल, कपूर, धूप, घी का दीपक, पंचामृत, मिठाई, तांबे या पीतल के लोटे में जल, हरियाली तीज व्रत कथा की किताब…
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