Hariyali Teej Puja Muhurat 2023: आज हरियाली तीज का पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जा कहा है। हिंदू धर्म में इस पर्व का विशेष महत्व है। इस पर्व को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु और अच्छे स्वास्थ्य के लिए व्रत रखती हैं। पंचांग के अनुसार, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां पार्वती और भगवान शिव की विशेष पूजा करने का विधान है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन मां गौरी और शिव जी का मिलन हुआ था। इसी के कारण इस पर्व को अखंड सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। इस बार हरियाली तीज में काफी शुभ योग बन रहे हैं। आइए जानते हैं हरियाली तीज का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और मंत्र।

हरियाली तीज 2023 तिथि व समय (Hariyali Teej 2023 Tithi)

तृतीया तिथि आरंभ: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 18 अगस्त को रात 08 बजकर 03 मिनट से आरंभ हो रही है।

तृतीया तिथि समाप्त: 19 अगस्त की रात 10 बजकर 21 मिनट पर इसका समापन होगा।

उदया तिथि के अनुसार 19 अगस्त को हरियाली तीज मनाई जाएगी।

हरियाली तीज 2023 को शुभ योग (Hariyali Teej 2023 Shubh Yoga)

इस साल हरियाली तीज में काफी शुभ योग बन रहा है। इस दिन सिद्ध योग, बुधादित्य और त्रिग्रही योग बन रहा है। सिद्धि योग का निर्माण 18 अगस्त की रात 8 बजकर 26 मिनट पर होगा और इसका समापन रात 09 बजकर 18 मिनट पर होगा। इसके साथ ही कन्या राशि में चंद्रमा, मंगल और शुक्र की युति से त्रिग्रही योग का निर्माण हो रहा है। इसके साथ ही सिंह राशि में सूर्य और बुध की युति से बुधादित्य योग बना है। ऐसे में जातक को धन संपत्ति का लाभ मिलेगा।

हरियाली तीज 2023 पूजा मुहूर्त (Hariyali Teej 2023 Puja Muhurat)

हरियाली तीज की पूजा के लिए इस बार 3 शुभ समय हैं।

पहला शुभ मुहूर्त- सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट
दूसरा मुहूर्त- दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से शाम 05 बजकर 19 मिनट तक
तीसरा मुहूर्त- शाम 06 बजकर 57 मिनट से रात 08 बजकर 19 मिनट तक

हरियाली तीज 2023 पूजा विधि (Hariyali Teej 2023 Puja Vidhi)

हरियाली तीज के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। इसके बाद साफ सुथरे वस्त्र धारण कर लें। फिर मां पार्वती और शिव जी का ध्यान करते हुए व्रत का संकल्प लें लें। इसके बाद मिट्टी से शिव जी और पार्वती जी की मूर्ति बनाना शुरू करें। इसके साथ ही गणेश जी की मूर्ति बनाएं। अगर आप मूर्ति नहीं बना सकते हैं, तो तस्वीर रख सकते हैं।

अब एक चौकी में लाल या फिर पीला रंग का कपड़ा बिछाकर बिछाकर मां पार्वती, गणेश जी और शंकर जी मूर्ति या फिर तस्वीर रख दें। इसके बाद पूजा आरंभ करें। सबसे पहले जल से आचमन करें। इसके बाद सभी को वस्त्र अर्पित करें। इसके बाद फूल, माला, सिंदूर, सफेद चंदन, कुमकुम आदि चढ़ा दें। इसके साथ ही मां पार्वती को सोलह श्रृंगार चढ़ाएं। सभी की षोडशोपचार पूजन कर लें। शिव जी को बेलपत्र, शमी पत्र, धतूरा, भांग, आक, कनेर और धतूरा का फूल और मां पार्वती को मंदार या लाल कनेर का फूल और गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। इसके साथ ही भोग लगाएं। भोग के बाद घी का दीपक और धूप जलाकर विधिवत पूजा कर लें। इसके साथ ही मां पार्वती को इस मंत्र के साथ सिंदूर अर्पित करें।

सिंदूरं शोभनं रक्तं सौभाग्यं सुखवर्धनम्।
शुभदं कामदं चैव सिंदूरं प्रतिगृह्यताम्।।

अब दिनभर निर्जला व्रत रखने के बाद शाम के समय चंद्रोदय के समय पूजा करने के साथ हरियाली तीज की व्रत कथा सुनें। इसके साथ ही पूजन रातभर चलता है। इस दौरान महिलाएं जागरण और कीर्तन करती है। चतुर्थी तिथि को स्नान आदि करने के बाद फिर दोबारा पूजा करके अपने व्रत का पारण कर लें।

हरियाली तीज में करें इस मंत्र का जाप (Hariyali Teej 2023 Mantra)

या देवी सर्वभूतेषु मां गौरी रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।
ऊं पार्वत्यै नमः
ऊं उमाये नमः